अर्चना कुमारी। खुद को सेकुलर कहने वाले कथित लोगों ने मेवात हिंसा को लेकर मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी को इस घटना के लिए जिम्मेदार मान रही है लेकिन सच्चाई यह है कि मेवात में दंगा करने के लिए इसकी पृष्ठभूमि पहले ही तैयार कर ली गई थी। मेवात में वसीम खान और एहसान खान मेवाती जैसे कट्टरपंथी वीडियो बनाकर अपने समुदाय के बीच यह प्रचारित करते रहे कि उन्हें किसी तरह हिंदुओं से बदला लेना है।
उनके जैसे अन्य मुस्लिम कट्टरपंथियों के उकसावे पर जहां हिंदुओं पर हमला करने के लिए अवैध हथियार जुटाए गए वहीं डंपर से ईट और पत्थर जुटा कर हिंदुओं को चुन-चुन कर निशाना बनाया गया। स्थानीय कांग्रेस विधायक पर भी दंगाइयों का साथ देने का आरोप लगाया गया है। मुस्लिमों के उकसाने के लिए ऐसे ही एक वीडियो “वसीम मेवाती दिल फरियाद” ने फेसबुक पर 31 जुलाई को पोस्ट की है । उसका साफ कहना था कि यात्रा के दौरान उन लोगों को हिंदुओं पर हमला करना है।
जैसे उसे हमले की पहले से ही जानकारी थी।इसी तरह एक और जिहादी एहसान खान मेवाती कहता है कि हिन्दुओ को मारो या खुद मरो। उसका स्पष्ट हिंदुओं के लिए चेतावनी था कि ऐसे ही हिन्दुओ तुम तलवार की नोंक देखकर डर जाते हो और हम अगर तलवार से किसी की गर्दन भी उड़ा दें तो नहीं डरते।हिन्दुओ को मारो तब भी शबाब है , यदि मर गए तब भी शबाब है।
आश्चर्य की बात तो यह है कि एहसान मेवाती खुद के नाम में पाकिस्तानी लिखता है और इसका पता हरियाणा पुलिस अब तक नहीं कर पाई जबकि सच्चाई यह है कि ऐसे तत्वों पर नकेल कसना तो तो दूर उनकी गिरफ्तारी तक नहीं हो पाई है। कथित सेकुलर अपने बचाव में कहते हैं कि जलाभिषेक यात्रा के दौरान हिंसा भड़काने का काम मोनू मानेसर तथा बिट्टू बजरंगी ने किया जबकि दोनों इस यात्रा में शामिल होने से इनकार किया है ।
सोशल मीडिया में वायरल हुए वीडियो में बिट्टू बजरंगी कह रहे है- उनको पूरी लोकेशन दे दो, मैं कहां-कहां आ रहा हूं। नहीं तो बाद में बोलेंगे, बताया नहीं कि हम आए और मुलाकात नहीं हुई। इसलिए हम पूरी लोकेशन दे रहे हैं। हमारे लिए फूल माला तैयार रखना’। इसमें सोचने वाली बात है कि कौन से शब्द भड़काने वाला है जबकि मोनू मानेसर भी यात्रा में अधिक से अधिक लोगों को शामिल होने की अपील की थी लेकिन मुस्लिम कट्टरपंथी इसे भड़काने वाला बयान साबित करने पर तुले हुए हैं।
जबकि सच्चाई यह है कि मोनू का वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर धमकियां आनी शुरू हो गई थी। एक सोशल मीडिया अकाउंट पर सड़क पर सिलेंडर रखे हुए दिखाए गए। इसमें कहा गया कि मोनू बेटा कल आ जा तू मेवात में। तुझे ऐसा उड़ाएंगे की तेरी लाश भी नहीं मिलेगी।सोशल मीडिया पर एक और वीडियो सामने आया, जिसमें आरिफ नाम का व्यक्ति मोनू को नूंह आने की चुनौती देते हुए समुदाय को इकट्ठा होने की बात कह रहा है।
हैरत की बात तो यह है कि हरियाणा पुलिस प्रशासन मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा जारी कर वीडियो की जांच की बात नहीं कह रहा है जबकि नूंह दंगे में मोनू मानेसर की भूमिका की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल ने कहा कि पूरे मामले की जांच एसआईटी से करायी जायेगी