अर्चना कुमारी। हिंदुओं के जलाभिषेक यात्रा के दौरान हरियाणा पुलिस की नाकामी खुलकर सामने आई है। जहां एक ओर प्रदेश की भाजपा सरकार हिंदुओं की रक्षा करने में विफल रही , वही उनके ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने दर्ज प्राथमिकी में स्पष्ट किया है कि एक समुदाय के दंगाइयों ने घेर रखा था मंदिर, भीतर फँसे थे कई श्रद्धालु।
उपद्रवी लगातार जानलेवा हमला कर रहे थे और उन लोगों ने कई सरकारी तथा प्राइवेट गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। हैरत की बात यह है कि खुलकर मुसलमान शब्द प्राथमिकी में दिए जाने के बजाय सिर्फ एक समुदाय लिखा गया जबकि सोशल मीडिया में वायरल हो रहा वीडियो में देखा जा सकता है भीड़ में मौजूद लोग अल्लाहु अकबर तथा पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। ड्यूटी मजिस्ट्रेट आबिद हुसैन जो इसी जिले के रहने वाले हैं उन्होंने दर्ज प्राथमिकी में बताया है लगभग 400- 500 की संख्या में एक समुदाय विशेष की भीड़ हिंदुओं को मंदिर के बाहर से घेर रखा था।
कट्टरपंथियों के हाथ में अवैध हथियार थे और वह लोग फायरिंग भी कर रहे थे। इन लोगों ने पेट्रोल बम भी फेंका और कई निजी तथा सरकारी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। गौरतलब है कि हरियाणा के मेवात के नूहं में मुस्लिम भीड़ ने जलाभिषेक यात्रा में शामिल हजारों हिंदू श्रद्धालुओं पर हमला किया था। इस एफआईआर में 400-500 इस्लामिक दंगाइयों द्वारा राम मंदिर में श्रद्धालुओं को बंधक बनाने की घटना के बारे में बताया गया है। लेकिन प्राथमिकी में खुलकर मुस्लिम शब्द लिखने से बचा गया है। बताया जाता है कि शिकायतकर्ता आबिद हुसैन टौरू पीएचईएस में सब डिवीजनल इंजीनियर हैं।
बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा के लिए नूहं थाने में बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट उनकी तैनाती की गई थी। अदीब हुसैन की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 148, 149, 186, 332, 307, 342 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत 400-500 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने शिकायत में कहा कि वह मैनेजिंग ऑफिसर ओमबीर सिंह के साथ थे। इस दौरान 400-500 दंगाइयों ने श्रद्धालुओं और पुलिसकर्मियों पर पथराव और अवैध हथियारों से गोलियाँ चलानी शुरू कर दी।


उनका इरादा जान से मारने का था। दंगाइयों ने सरकारी और निजी वाहनों को जला दिया। हमले के समय हुसैन और ओमबीर सिंह नूहं बस स्टैंड पर थे। उन्हें जानकारी मिली थी कि सैकड़ों दंगाइयों ने 35-40 श्रद्धालुओं पर हमला कर उन्हें वार्ड नंबर 9 में स्थित राम मंदिर में बंधक बना लिया है। दंगाई श्रद्धालुओं को राम मंदिर परिसर से बाहर नहीं जाने दे रहे थे।
जब वे मौके पहुँचे तो 400-500 दंगाइयों ने लाठी, डंडे, पत्थर और अवैध हथियारों के साथ उन्हें मारने के लिए उन पर गोली चलानी शुरू कर दी। इस दौरान अदीब हुसैन ने ओमबीर सिंह व अन्य पुलिस अधिकारियों को दंगाइयों को तितर-बितर करने के लिए उचित बल का उपयोग करने का निर्देश दिया। इसमें उन्हें सफलता भी मिली। दंगाई भाग गए। इसके बाद उन्होंने बंधक बने श्रद्धालुओं को मुक्त कराया।