विपुल रेगे। पिछले छह दिन से वाराणसी के युवाओं को लेकर नेताओं में तलवार खींच गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वाराणसी में शराब को लेकर युवाओं पर टिप्पणी कर दी थी। इस टिप्पणी का लाभ उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी जा पहुंचे। वहां उन्होंने वाराणसी के युवाओं को नशेड़ी कहने पर राहुल गांधी को बिना नाम लिए फटकारा। सत्तारुढ़ दल को बड़ी गलतफहमी हो गई है कि विपक्ष की ओर से आने वाले हर पत्थर से वे सीढ़ी बनाकर सदा ही ऊपर चढ़ते रहेंगे। आज नशे से देश का कोई राज्य, कोई नगर और कोई गांव अछूता नहीं रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी के सांसद हैं। हालाँकि सांसद होते हुए भी उन्हें अपने गृह क्षेत्र के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। प्रधानमंत्री होने के नाते अपने गृहक्षेत्र पर ध्यान देना संभव भी नहीं होता होगा। मोदी जी को नहीं पता कि वाराणसी अब धार्मिक कम और अय्याशी का अड्डा अधिक बन चुका है। पिछले वर्ष की ही बात है। तीस साल का गोविन्द सोनकर वाराणसी में फल बेचने का काम करता था। गोविन्द शराब का आदी था। एक दिन इस आदत से परेशान होकर गोविन्द की पत्नी ट्रेन के आगे कूद गई। उसे बचाने के लिए गोविन्द भी कूदा और दोनों की मौत हो गई। इनके तीन बच्चे सदा के लिए अनाथ हो गए।
नशाखोरी के ऐसे कितने हृदय विदारक किस्से वाराणसी की हवाओं में तैरते रहते हैं। प्रधानमंत्री के इस क्षेत्र से चुने जाने के बावजूद यहाँ नशा समाप्त नहीं हो सका है। सन 2020 ने पत्रिका अख़बार ने एक रिपोर्ट छापी थी। रिपोर्ट में लिखा गया था कि धर्म और अध्यात्म की नगरी नशे की गिरफ्त में है। घाट हो या पक्का महाल की गलियां, हर जगह नशा और नशा करने वाले मौजूद हैं। रिपोर्ट के अनुसार इजराइल, चीन, जापान और मैक्सिको के सैलानी नशा करने के लिए सबसे ज्यादा बनारस पसंद करते हैं। इसके पीछे बड़ी वजह है यहां आसानी से नशा मिल जाता है। इसी रिपोर्ट में लिखा गया कि बनारस में नशे के कारोबार में कई अंतराज्यीय गिरोह सक्रिय हैं। यह गांजा, भांग, अफीम, हेरोइन, चरस का अवैध व्यापार कर रहे हैं। आए दिन इनकी गिरफ्तारियां भी होती हैं।
एक आंकलन के अनुसार वाराणसी शहर में हर महीने करीब 30 क्विंटल गांजा और 50 किलो हेरोइन की खपत हो रही है। जबकि, हर रोज दस हजार लीटर से अधिक अवैध शराब की सेल होती है। भांग की खपत तो कई क्विंटल है। बिहार और बंगाल से आने वाले गांजे की खपत भांग के ठेकों पर होती है। जबकि, अवैध तरीके से अफीम और हेरोइन पुडिय़ों में बिकती है। जब सरकार गंगा के पवित्र जल में शराबखोरी कराने वाला गंगा विलास क्रूज चलाने लग जाए तो कहने को और क्या रह जाता है। सपा नेता अखिलेश यादव ने सार्वजनिक रुप से आरोप लगाया था कि इस क्रूज़ में शराब परोसी जा रही है। आपके संसदीय क्षेत्र में भयंकर नशाखोरी हो रही है और यदि इसे लेकर विपक्षी नेता प्रश्न कर ले तो आप वाराणसी आएँगे और लोगों को बहकाने की कोशिश करेंगे।
पीएम मोदी को वफादार अंगरक्षक की तरह डिफेंड करने वाले मीडिया की अक्ल को सांप सूंघ गया है। पिछले वर्ष ही वाराणसी में गंगा किनारे सरकार द्वारा टेंट सिटी शुरु की गई थी। उस समय ये मीडिया इस सिटी की प्रशंसा कर रहा था। टेंट सिटी शुरु होते ही गंगा के तट पर जो दृश्य दिखाई दिए, उसने काशी के निवासियों को हार्ट अटैक वाला झटका दे दिया। काशी में विपक्ष ने मोर्चा खोलते हुए आरोप लगाया कि टेंट सिटी में बार बालाओं द्वारा शराब परोसी जा रही है। टेंट सिटी में बार बालाओं के ठुमके देखो और सुबह नदी की रेत पर खाली बोतले गिनो। टेंट सिटी में अय्याशी करने वाले तो पुलिस से भी नहीं डरते।
वाराणसी में कई ऐसे मामले आए, जब नशेड़ियों ने पुलिस निर्देशों का पालन करने की ज़रूरत नहीं समझी। पांच वर्ष पहले काशी में नशे का विरोध करते हुए यहाँ के प्रवीन सिंह काशी अनशन पर बैठ गए थे। हालाँकि विश्व नायक मोदी जी को इतनी फुर्सत कहाँ कि अपने संसदीय क्षेत्र में क्या हो रहा है, उसकी सुध ले। कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने कहा उत्तरप्रदेश का भविष्य शराब पिए सड़क पर लेटते हुए नशे में नाच रहा है। ये तीखा बयान प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के लिए दिया गया था। मोदी के समर्थकों को इस बयान के तीखेपन से तिलमिलाए बिना सच जानने का प्रयास करना चाहिए। अपने नेता पर दबाव बनाना चाहिए कि धर्म नगरी को इस बात की ‘गारंटी’ दें कि काशी को नशामुक्त बनाएँगे।