तीर्थाटन और पर्यटन के अन्तर को ध्यान में रखकर तीर्थ यात्रा करें: ज्योतिष्पीठाधीश्वर शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ बदरीनाथ मंदिर के कपाट 12 मई को प्रातः6 बजे खुलेंगे •नरेंद्रनगर (टिहरी) स्थित राजदरबार में हुई कपाट खुलने की तिथि घोषित। नरेंद्रनगर टिहरी: 14 फरवरी विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ मंदिर के कपाट 12 मई कोे प्रात: 6 बजे खुलेंगे। बसंत पंचमी को राजदरबार नरेंद्र नगर में आयोजित धार्मिक समारोह में पूजा-अर्चना और वैदिक पंचांग गणना के बाद कपाट खुलने की तिथि की घोषणा की गयी गई।
तेल-कलश यात्रा की तिथि 25 अप्रैल को तय हुई। टिहरी राजदरबार नरेंद्रनगर में आज प्रातः से कपाट खुलने की तिथि घोषित करने के लिए कार्यक्रम शुरू हआ महाराजा मनुजेन्द्र शाह की उपथिति में पंचांग गणना पश्चात राजपुरोहित आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने तिथि तय कर महाराजा के सम्मुख रखी तत्पश्चात महाराजा मनुजयेंद्र शाह ने कपाट खुलने की तिथि की विधिवत घोषणा की।
इस दौरान राजमहल परिसर जय बदरी विशाल के उद्घोष से गूंज उठा। इससे पहले श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पदाधिकारी- सदस्यों ने तेल कलश राजदरबार को सुपुर्द किया। इसी कलश में राजमहल से तिलों का तेल पिरोकर 25 अप्रैल तेलकलश यात्रा राजमहल से शुरू होकर कपाट खुलने की तिथि पर भगवान बदरीविशाल के अभिषेक हेतु श्री बदरीनाथ धाम पहुंचेगी।
‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर अनन्तश्रीविभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ महाराज ने इस अवसर पर अपने संदेश में कहा बड़ी संख्या में लोग तीर्थों, मन्दिरों की ओर आ रहे हैं।
लेकिन हमें यह याद रखना होगा कि जब हम घर से निकलें, मन्दिर, पिकनिक स्पॉट या टाइमपास करने की जगह नहीं है। अपितु आध्यात्मिक अनुभूति और परमानन्द प्राप्त करने की जगह है। उन्होंने कहा कि हमें तीर्थाटन और पर्यटन में अंतर को समझना होगा।