कायर, कमजोर, नपुंसक नेता , कर न सकेगा देश की रक्षा ;
अब्बासी-हिंदू भारत का नेता , चीन से मांगे प्राणों की भिक्षा ।
दूर-दूर तक देश के ऊपर , संकट के बादल हैं छाये ;
अब्बासी-हिंदू खुद संकट है , देश जल्द ही मुक्ति पाये ।
अब्बासी-हिंदू महा-कुटिल है,पर देश का हिंदू ! मूढ बन चुका ;
झूठे-इतिहास की गंदी-शिक्षा , हिंदू ! धर्म से दूर हो चुका ।
जब से धर्म से दूर हुआ है , तब से हिंदू धोखा खाता ;
अलतकिया-सिद्धांत न जाना , इसी से अपना गला कटाता ।
बहुत कठिन हिंदू का बचना , पर बिल्कुल नहीं असंभव है ;
सुबह का भूला शाम को लौटे , मंजिल पाना संभव है ।
अपने धर्म में लौटना होगा , अपना धर्म सनातन जानो ;
रामायण, गीता, महाभारत , इनको पढ़कर धर्म को जानो ।
धर्म उन्हीं की रक्षा करता , जो करते हैं धर्म की रक्षा ;
अब्बासी-हिंदू धर्म का दुश्मन , मिटा रहा हिंदू की सुरक्षा ।
सेना को कमजोर कर रहा , पुलिस को करता पूर्ण-नपुंसक ;
अब्राहमिक हैं इसके मालिक , जो हैं पूरी तरह से हिंसक ।
हिंदू ! को धर्म-भ्रष्ट करता है , उनको गलत-मार्ग बतलाता ;
धर्मस्थल को किया प्रदूषित , सारे गंदे – काम कराता ।
राम-मंदिर में म्लेच्छ घुसाता , शास्त्र-विरुद्ध की प्राण-प्रतिष्ठा ;
राम का पूरा मान घटाया , क्योंकि मन में भरी है कुंठा ।
खुद को ईश्वर मानने वाला , मिट्टी में मिलने वाला है ;
घड़ा भर चुका पाप का पूरा , जल्द फूटने वाला है ।
कब तक न जलेगी काठ की हांडी ? बार-बार नहीं चढ़ती है ;
इसी बार ही इस चुनाव में , देखो बधिया बैठती है ।
बस हिंदू को जागना होगा , अपना धर्म बचाना होगा ;
अब्बासी-हिंदू को पूर्ण तिलांजलि,अच्छी सरकार बनाना होगा।
अच्छी-सरकार बनेगी कैसे ? अच्छा-दल ही चुनना होगा ;
दलों का दलदल हिंदू ! छोड़ो , सत्यनिष्ठ-दल लाना होगा ।
सत्यनिष्ठ है , धर्मनिष्ठ है , “एकम् सनातन भारत” दल ;
कितना कमजोर हो चुका हिंदू ? लौटायेगा उसका बल ।
हिंदू ! सब कुछ वापस पायेगा,मंदिर-धन-संपत्ति सभी पायेगा ;
ये ही दल है पूर्ण-समर्पित , ये “राम-राज्य” को लायेगा ।