अर्चना कुमारी। केरल के गवर्नर और राज्य के मुख्यमंत्री के बीच रिश्ता कभी ठीक नही रहा। कोल्लम में गवर्नर को वामपंथी छात्र गुटों ने जब काले झंडा दिखा दिया तो वो सड़क पर उतर गए। दरअसल केरल गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान केरल के कोल्लम जिले में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के खिलाफ धरने पर बैठ गए हैं।
उनको एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने शनिवार सुबह उनके काफिले को काले झंडे दिखाए थे। इससे नाराज होकर उन्होंने एमसी रोड की एक चाय की दुकान से कुर्सी मांगी और बैठकर धरना देने लगे। उन्होंने कहा- मैं यहां से नहीं जाऊंगा। पुलिस छात्रों को प्रोटेक्शन दे रही है। अगर पुलिस खुद ही कानून तोड़ेगी, तो यहां कानून व्यवस्था कौन संभालेगा।
इसके बाद पुलिस ने तेरह वामपंथी वर्कर्स के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।एसएफआई ने गवर्नर पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने एसएफआई वर्कर्स को क्रिमिनल कहा। एक छात्र ने कहा कि अब हम उन्हें अपने विरोध की ताकत दिखाएंगे। हम मैसेज देना चाहते हैं कि एसएफआई समझौता नहीं करने वाला। बताया जाता है शनिवार सुबह केरल गवर्नर एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कोट्टाराकरा जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में कार्यकर्ताओं ने उनको काले झंडे दिखाए।
इससे पहले विश्वविद्यालय के सीनेट के लिए 4 छात्रों को नियुक्त किया गया था। केरल की सत्ताधारी लेफ्ट सरकार ने आरोप लगाया था कि ये छात्र आरएसएस की विचारधारा से जुड़े हैं। इसे लेकर दिसंबर 2023 में एसएफआई ने प्रदर्शन शुरू किया था। एसएफआई पूरे प्रदेश में समय-समय पर इसे लेकर प्रदर्शन करता है। इससे पहले12 दिसंबर 2023 को गवर्नर आरिफ ने दावा किया कि एसएफआई ने उन पर हमला किया है। ये हमला मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के कहने पर हुआ।
उन्होंने सीएम को बेशर्म भी बताया था। इसके बाद से ये विवाद और बढ़ते ही चला गया।बता दे गणतंत्र दिवस के मौके पर शुक्रवार शाम को गवर्नर खान ने राजभवन में एट होम रिसेप्शन का आयोजन किया था। इसका केरल सीएम पिनराई विजयन ने बहिष्कार किया। केरल का कोई कैबिनेट मंत्री भी राजभवन नहीं पहुंचा। पिछले साल आरिफ मोहम्मद ने दावा किया कि था कि राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन उन्हें शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
इसके लिए वे साजिश रच रहे हैं और लोगों को भेज रहे हैं। आरिफ मोहम्मद ने पुलिस पर भी राज्य सरकार की असंवैधानिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया।हमले को लेकर केरल गवर्नर ने कहा था- केरल पुलिस देश की सबसे अच्छी फोर्स है। लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस कुछ नहीं कर पाई। क्या केरल पुलिस मुख्यमंत्री की कार के पास किसी को ऐसे आने देती? जब मैं गुंडों के सामने अपनी कार से उतरा, तो वे क्यों भाग गए? वे मुझे क्यों निशाना बना रहे है।