अब यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस गांधी की अहिंसा की नीति को तिलांजलि दे चुकी है और अब हिंसा के पक्ष में खड़ी हो गई है। कांग्रेस ने भारत बंद के दौरान दंगा-फसाद करने वालों को कानूनी मदद उपलब्ध करा कर यह साबित कर दिया है कि सत्ता हांसिल करने के लिए वह कितने नीचे गिर सकती है।
मुख्य बिंदु:
*गांधी की अहिंसा के विचारधारा को तिलांजलि देकर हिंसा करने वालों का संरक्षक बनी कांग्रेस!
*दंगाइयों की मदद करने से पहले कांग्रेस को दंगा के पीड़ितों की भी लेनी चाहिए सुध!
*भारत बंद के दौरान दंगा करने वालों को आखिर निर्दोश क्यों मान रही है कांग्रेस!
Congress to provide legal aid to Rioters booked in Bharat Bandh. It clearly tells Congress backed Violence & now doing Politics. Congress saying this is for innocents booked in Fake cases. If so then Congress should also give compensation & help People whose Property were damaged
— Anshul Saxena (@AskAnshul) April 8, 2018
एससी/ एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आयोजित भारत बंद के दौरान सुनियोजित ढंग से दंगा-फसाद करने के आरोप में पकड़े गए दंगाइयों को कांग्रेस कानूनी मदद उपलब्ध करा रही है। इस मुद्दे पर राजनीतिक हित साधने के लिए कांग्रेस ने दंगाइयों को निर्दोंष बता रही है और उन लोगों को झूठे केस में फंसाने का आरोप लगा रही है। वैसे भी कांग्रेस की भेदभाव करने वाली राजनीति पहले से ही रही है। तभी तो एक दंगे में फंसे दंगाइयों को कानूनी मदद उपलब्ध करा रही है लेकिन उसी दंगे में बर्बाद हुए लोगों के बारे में अपना मुंह खोलने को तैयार नहीं है।
उधर तथाकथित दलित हितेषी ‘भीम आर्मी’ ने धमकी दी है कि यदि गिरफ्तार दंगाईयों को नहीं छोड़ा गया तो गृह-युद्ध छेड़ देगी। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के बनाए संविधान की अवहेलना करते हुए ‘भीम आर्मी’ अपनी गैर संवैधानिक मांग को मनवाने व देश को ब्लैकमेल करने के लिए हिंसा का सहारा लेने की बात कर रही है! सोचिए आखिर यह दलित हित चिंतक हैं, या देश तोड़ने वाले कैंब्रिज-एनालिटिका-कांग्रेस गठबंधन की साजिशों को अमलीजामा पहनाने वाली संगठन!
Bhim Army to protest on April 18. They demanding Release of rioters booked in Bharat Bandh violence. Also talking about Civil War. See, that's how they playing with law & order. And if you oppose, you'll labelled as Anti Dalit. But they themselves insulting Ambekar's Constitution
— Anshul Saxena (@AskAnshul) April 8, 2018
गौर हो कि दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान सुनियोजित दंगे के तहत कई लोगों की संपत्तियां नष्ट कर दी गईं। कई लोगों की मौत हो गई। लेकिन कांग्रेस सुविधा की राजनीति कर रही है। अगर वह दंगाइयों को कानूनी सहायता उपलब्ध करा सकती है तो उन लोगों को भी मुआवजा देने का ऐलान करना चाहिए जिनकी संपत्ति इस दंगा में तबाह हो गई। जबकि कांग्रेस को दंगा के पीड़ित परिवारों को मुआवजा देना चाहिए। पीड़ितों को मुआवजा देने के बाद ही इस दंगे में शामिल लोगों को कानूनी मदद देने के बारे में विचार करना चाहिए।
URL: Legal help by Congress to the rioters of India bandh
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