अर्चना कुमारी। नंद नगरी में हिंदू युवक की हत्या का कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी राजधानी में हिंदू मुस्लिमों के हाथों मारे गए हैं । मनीष की मौत के बाद परिजन व स्थानीय लोग पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं। नाराज परिजनों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पुतला जलाने का प्रयास किया क्योंकि वह गंदी राजनीति कर रहे हैं और दलित युवक के मरने के बाद भी अब तक कोई सरकार का नुमाइंदा वहां नहीं गया। केजरीवाल का पुतला जलाने के दौरान पुलिस ने परिजनों व स्थानीय लोगों को ऐसा करने से रोका।
जिसके बाद लोगों की पुलिस से धक्का-मुक्की हुई। मृतक मनीष की बहन ने महिला पुलिस कर्मियों पर उसको पीटने का आरोप लगाया । यह हालत तब है जब केंद्र में भाजपा की सरकार है और दिल्ली पुलिस गृह मंत्रालय के भीतर आता है। वहीं स्थानीय लोगों ने कैंडल मार्च निकालने की अनुमति मांगी थी, लेकिन पुलिस की ओर से इसकी इजाजत नहीं दी गई। फिलहाल लोकल पुलिस के अलावा अर्द्धसैनिक बलों की कई कंपनियां अभी भी तैनात हैं।
पुलिस पूरे हालात पर नजर रखे हुए हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के नंद नगरी थाना अंतर्गत सुंदर नगरी में एक 25 वर्षीय युवक मनीष की हत्या के मामले में गिरफ्तार तीनों आरोपियों की रिमांड की अवधि होने के बाद 4 अक्टूबर को कड़कड़डूमा कोर्ट के डियूटी मजिस्ट्रेट के यहां पेश किया । जहां कोर्ट ने तीनों को 1दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा दिया है। 5 अक्टूबर को तीनों को फिर से पेश किया जाएगा। बताया जा रहा है कि तीनों आरोपी मृतक के ही इलाके में रहते हैं और उन्होंने एक केस वापस नहीं लेने पर मनीष को चाकू से गोदकर मार डाला।
आरोपियों के नाम फैजान, बिलाल और अरमान बताए जा रहे हैं। तीनों आरोपी मलेच्छ समुदाय से हैं। इस बीच मृतक मनीष की बहन लविका (21) ने बताया कि इनका सब कुछ होने के बाद भी किसी ने उनके परिवार की सुध नहीं ली। घटना के बाद से मां मिथिलेश ने कुछ नहीं खाया है। वह अपनी सुधबुध खो बैठी है। दिल्ली सरकार को भी परिजनों की खबर लेना चाहिए थी।
परिजनों की मांग थी कि मनीष के परिवार को उचित मुआवजा मिले। इसके अलावा दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देने के लिए मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चले। एक अन्य परिजन ने बताया कि दलित मनीष की हत्या के बाद विरोध जताने के लिए स्थानीय लोग कैंडल मार्च भी निकालने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन पुलिस की ओर से इजाजत नहीं दी गई।
दूसरी ओर स्थानीय लोगों ने मांग की है कि जेल में बंद आरोपी मोहसिन व शाकिर को मनीष हत्याकांड में आरोप बनाया जाए। बता दें कि शनिवार रात को नंद नगरी के सुंदर नगरी इलाके में डीएम कार्यालय के पास तीन लड़कों बिलाल, फैजान और आलम ने मनीष की चाकू के 40 से अधिक वार कर बेरहमी से हत्या कर दी थी। दरअसल मनीष ने एरिया के कुछ युवकों पर एक साल पहले हत्या के प्रयास का एक केस दर्ज करवाया हुआ था। यह लोग मनीष और उसके परिवार पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे थे।