अर्चना कुमारी। जनाब एक वकील पर भड़क उठे और सुनवाई के दौरान वकील द्वारा दायर जनहित याचिका खारिज कर दी और उस पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगा दिया।
देश के मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़ किसी बात पर एक वकील पर नाराज हो गए। उन्होने यहाँ तक कह दिया कि आप किसी प्राइवेट पार्टी के इशारे पर ये सब कर रहे हैं।
आगे याचिकाकर्ता वकील पर भड़कते हुए कहा कि जनहित याचिका का दुरुपयोग हो रहा है। आप निर्यात प्रोत्साहन क्षेत्र में प्रक्रिया आदि की पुस्तिका को चुनौती दे रहे हैं और यह सब किसी प्राइवेट पार्टी के इशारे पर किया जा रहा है।
सर्वोच्च न्यायाधीश ने कहा कि अब ये सब नहीं चलेगा और हम आप पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगा रहे हैं। इस पर जब बचाव में वकील ने तर्क देना चाहा तो सर्वोच्च न्यायाधीश ने कहा कि आप बहस करने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन हम आपको पांच लाख रुपये का नोटिस देंगे, क्योंकि आपने ये सब एक निजी कंपनी के कहने पर किया है।
न्यायाधीश ने कहा कि आप निर्यात प्रोत्साहन क्षेत्र की प्रक्रिया पुस्तिका के अध्याय 25 को चुनौती दे रहे हैं।ज्ञात हो चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था।
इनके पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ भी देश के सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। पिता के रिटायर होने के 37 साल बाद उनके बेटे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सीजेआई बने। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट आने से पहले कई हाईकोर्ट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।