अर्चना कुमारी मोहम्मद अनीस ने आकाश बनकर पहले हिन्दू महिला को फंसाया।इसके बाद फिर हिन्दू महिला को मुस्लिम बनाकर इससे दो लाख रुपये ठग लिए और छोड़कर फरार हो गया। अब मोहम्मद अनीस को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामला बुलंदशहर का है।
दरअसल , शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने और धर्म परिवर्तन कराने के मामले में अदालत ने अभियुक्त अनीस को दोषी करार दिया। उसे आजीवन कारावास की सजा दी गई है।
इसके साथ ही 4.06 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया । सनद रहे धर्म परिवर्तन के मामले में जिले में पहली बार किसी को सजा सुनाई गई है।
अनीस के खिलाफ मार्च 2022 में गुलावठी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया थ। मूल रूप से हापुड़ निवासी पीड़ित महिला ने 15 मार्च 2022 को तहरीर देकर बताया था कि उसका पति से विवाद चल रहा था। इस वजह से वह दिल्ली के मंगोलपुरी में रहकर अपना पालन पोषण कर रही थी।
इसी दौरान उसकी मुलाकात हापुड़ के आवास विकास कॉलोनी निवासी अनीस अहमद से हुई। अनीस ने अपना धर्म छिपाते हुए अपना नाम आकाश बताया था। इसके बाद उसे गुलावठी लेकर आया। धौलाना अड्डे के पास उसे किराये के मकान में रखा।
इस दौरान शादी का झांसा देकर अनीस उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। बाद में अपना वास्तविक नाम बताते हुए झांसे में लेकर उसका धर्म परिवर्तन करा दिया। कुछ दिन बाद उसे छोड़कर भाग गया। उसके ढाई लाख रुपये और सोने के गहने भी साथ ले गया था।
पीड़िता ने जब फोन पर संपर्क किया तो जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए फोन काट दिया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच पड़ताल की।जांच में धर्म परिवर्तन का मामला सही पाया गया।
जिसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में दाखिल कर दी थी। एडीजे स्पेशल न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट विजय पाल की अदालत ने दोनों पक्षों के गवाहों के बयानों और साक्ष्यों का अवलोकन कर अनीस को दोषी करार दिया है।
उसे आजीवन कारावास की सजा देने के साथ 4.06 लाख रुपये का अर्थदंड भी दिया है। इसमें से तीन लाख रुपये पीड़िता को देने होंगे।
ज्ञात हो धर्म परिवर्तन के किसी मामले में जनपद में यह पहली सजा है। वर्तमान में धर्म परिवर्तन से संबंधित चार-पांच मामले अभी न्यायालय में विचाराधीन हैं।
जल्द ही उनमें भी प्रभावी पैरवी कर आरोपियों को सजा तक पहुंचाया जाएगा। सजा सुनाए जाने के दौरान न्यायालय परिसर में पीड़िता व अनीस की पहली पत्नी भी मौजूद थी। दोषी अनीस पहली पत्नी को तलाक दिए बिना ही पीड़ित महिला के साथ रह रहा था।