आज पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव चल रहा है! नहीं, नहीं, रुकिए! पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की खुलेआम हत्या हो रही है! चलिए अब जश्न मनाइए! जश्न क्यों? अरे भाई! सेक्यूलरिज्म यानी मुसलिम तुष्टिकरण के नाम पर आप चाहें लोकतंत्र का गला घोंटिए या लोगों का नरसंहार कीजिए, दिल्ली की लुटियन मीडिया, तथाकथित बुद्धिजीवी इंडिया इंटरनेशनल सेंटर-IIC में लोगों के खून को अपने गिलास में डालकर गटक जाते हैं और कहते हैं, छिटफुट हिंसा है, छोडि़ए! तभी तो ममता बनर्जी 2019 में प्रधानमंत्री बनने का सपना पाले लोकतंत्र को अपने पैरों तले रौंद कर एक तरह से अट्टहास कर रही है! और लुटियन मीडिया माफिया, उनसे एक भी सवाल पूछने की हिम्मत तक नहीं कर रहा है! पश्चिम बंगाल हो या केरल यही सेक्यूलर लोकतंत्र की दिशा है!
पश्चिम बंगाल का पंचायत चुनाव चल रहा है और आज 14 मई को दोपहर तीन बजे तक मतदान के दौरान छह लोगों की हत्या हो चुकी है। हत्यारे ममता बनर्जी के तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं और मारे गये सभी दूसरे अन्य दलों के कार्यकर्ता और मतदाता!
बंगाल में पंचायत चुनाव का मतदान चल रहा है, पिछले 24 घंटों में, 4 और राजनैतिक कार्यकर्ताओं की हत्या हो गई।
सरकार के मंत्री रविन्द्र घोष ने पोलिंग बूथ पर बीजेपी के कार्यकर्ताओं को मारा।#MamataSupariKillerOfDemocracy #PanchayatElection pic.twitter.com/OYurRjneh6
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) May 14, 2018
भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय द्वारा रिपब्लिक चैनल को दिए गये बयान के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के हमले की वजह से भाजपा के 25 कार्यकर्ता अस्पताल में भर्ती हैं। भाजपा समर्थक एक पति-पत्नी मतदाता को जिंदा जलाने का प्रयास किया गया है। तृणमूल के गुंडों ने राज्य के आधे से अधिक बूथों पर कब्जा कर लिया है। ममता बनर्जी सरकार के मंत्री रविंद्र घोष ने खुलेआम भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया है।
West Bengal: Ballot boxes looted at gunpoint by unidentified people at 44, 45 and 45K booths in Murshidabad. #PanchayatElection
— ANI (@ANI) May 14, 2018
जानकारी यह भी आ रही है कि कूचबिहार, गोपालपुर में अपने खिलाफ वोट डालने वाले मतदाता की तृणमूल के गुंडों ने हत्या कर दी। आसनसोल में बम फेंका गया है, जलपाईगुड़ी में लक्ष्मण रेखा खींच कर कहा गया है कि कोई इससे बाहर न आए वोट डालने, हम आपका वोट डाल देंगे। अलीपुरद्वार में पांच स्थानीय पत्रकार भी हिंसा की चपेट में आ गये हैं। दक्षिण परगना, उत्तरी परगना, मुर्शिदाबाद, हुगली में बम और बंदूक के बल पर बूथ लूटे गये हैं। लेकिन चूंकि लुटियन माफिया को 2019 में वंशवादी जनाजे को कंधा देने के लिए ममता का सहारा चाहिए, इसलिए दिल्ली में चुप्पी घनी है, जो डराती है! मीडिया माफिया लोकतंत्र का गला घोंटने में बराबर का साझीदार है।
#WATCH Ballot box being retrieved from a pond in West Bengal's Sonadangi. #PanchayatPolls pic.twitter.com/vDf3dUvtKI
— ANI (@ANI) May 14, 2018
यह मीडियाई व बुद्धिजीवी माफिया तब भी लोकतंत्र का गला घोंट रहा था, जब इसकी वैचारिक पार्टी भारती कम्युनिस्ट पार्टी एम, का बंगाल में शासन था। एक हत्या को दूसरे हत्या के जरिए जायज ठहराने की कोशिश करने वाले तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रॉयन ने ट्वीट किया है कि जब सीपीएम का शासन था तब 1990 में चुनाव के दौरान 400 लोगों की हत्या हुई थी और 2003 में 40 लोगों की हत्या हुई थी। डेरेक ओ ब्रॉयन शायद यह कहना चाहते हैं कि अभी तो हमारे कार्यकर्ताओं ने केवल 5 लोगों की हत्या की है, अभी हमें 395 हत्या करने का अधिकार है!
To all 'newborn' experts on Bengal #PanchayatElections in State have a history. 400 killed in poll violence in 1990s in CPIM rule. 2003: 40 dead.Every death is a tragedy. Now closer to normal than earlier times.Yes, few dozen incidents. Say,40 out of 58000 booths. What's %age ?
— Derek O'Brien (@derekobrienmp) May 14, 2018
डेरेक ओ ब्रॉयन की बेशर्मी देखिए कि वह कह रहे हैं कि 58 हजार बूथों में से केवल 40 प्रतिशत पर हिंसा हुई है, जो बेहद कम है! अब यह नेता देश की संसद में सांसद के नाते बैठता है, जो यह इस देश का दुर्भाग्य नहीं तो और क्या है? और हां, सोनिया गांधी के देवर और लुटियन मीडिया-माफिया अरुणपुरी का आजतक जैसा न्यूजचैनल डेरेक ओ ब्रॉयन के बयान को हल्का करने के प्रयास में न्यूज भी चलाता है तो सोचिए लुटियन की माफियागिरी किस हद तक लोकतंत्र का गला दबा रही है। आजतक वेब की बेशर्मी देखिए- बंगाल में हिंसा, बचाव में टीएमसी नेता ने याद दिलाया 28 साल पुराना इतिहास! इस शीर्षक से डेरक ओ ब्रॉयन के द्वारा हत्या को जस्टिफाई करने में यह लुटियन मीडिया भी अप्रत्यक्ष रूप से शामिल है।
#WestBengal: Five local journalists injured after violence, following booth capturing in Birpara, allegedly by TMC workers. #PanchayatElection pic.twitter.com/qv18fyEAhy
— ANI (@ANI) May 14, 2018
कम्युनिस्टों का अपना मीडिया हाउस, आनंद बाजार पत्रिका और उससे जुड़े अखबार व एबीपी जैसे न्यूज चैनल हिंसा से अधिक इसे 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अहम बताकर एक तरह से लोकतंत्र की हो रही हत्या से मुद्दे को भटकाने का प्रयास कर रहे हैं। पूरा का पूरा मीडिया माफिया ममता बनर्जी के खूनी अट्टहास को ढंकने का प्रयास कर रही है और ममता बनर्जी का तृणमूल कांग्रेस अदालती आदेश के बावजूद लोकतंत्र को रौंद रहा है!
West Bengal: Voting booth vandalised allegedly by TMC workers in North Dinajpur's Sonadangi during #PanchayatPolls pic.twitter.com/I9epqPreXR
— ANI (@ANI) May 14, 2018
West Bengal: Clashes broke out between TMC and Congress supporters in Murshidabad #PanchayatElection pic.twitter.com/PXzQoK2gO7
— ANI (@ANI) May 14, 2018
URL: Mamata murdering democracy in West Bengal
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