अर्चना कुमारी। महिला कोई भी हो उसके साथ अमानवीय व्यवहार दुखद है। पिछले दिनों एक कुकी महिला के साथ बलात्कार हुआ तो सत्ता और विपक्ष के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट तक जाग गया था लेकिन इस बार अब मैतेई समाज की महिला के साथ दुष्कर्म की घटना उजागर हुई है।
उसका कहना है कि 3 मई को मेरे साथ गैंगरेप हुआ। इसके बाद से मेरी तबीयत खराब रहने लगी। मुझे आत्महत्या के ख्याल आने लगे । बताया जाता है कि मणिपुर के चुराचांदपुर की एक मैतेई महिला ने कुकी समुदाय के लोगों पर गैंगरेप का आरोप लगाया है। पीड़ित और लाचार महिला ने पुलिस को बताया कि 3 मई को उपद्रवियों ने उसके घर में आग लगा दी थी।
वह अपने दो बेटों, भतीजी और भाभी के साथ जान बचाने के लिए भागी, लेकिन भीड़ ने उसे पकड़ लिया। इसके बाद उसे गालियां दीं, मारपीट की। विरोध किया तो जमीन पर पटककर गैंगरेप किया। गैंगरेप के बाद किसी तरह वह अपनी जान बचाकर राहत कैंप पहुंची। घटना के बाद से वह कैंप में ही रह रही थी। उसका यह भी कहना था कि समाज के डर से उसने अब तक अपने साथ हुई हैवानियत के बारे में किसी से बात नहीं की।
जब उसने देखा कि महिलाएं अपने साथ हुए अत्याचार पर बात कर रही हैं तो उसमें हिम्मत आई। बुधवार 9 अगस्त को पीड़ित महिला ने बिष्णुपुर पुलिस स्टेशन में प्राथमिक दर्ज कराई। पीड़ित की उम्र 37 साल बताई जाती है। इससे पहले 19 जुलाई को मणिपुर से एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें कुछ लोग दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके ले जाते और उनसे अश्लील हरकतें करते नजर आ रहे थे। महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना 4 मई को राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में हुई थी। वीडियो वायरल होने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
4 मई को ही कांगपोकपी जिले के कोनुंग ममांग इलाके में दो अन्य लड़कियों का रेप कर हत्या कर दी गई थी। यह जगह कांगपोकपी से 40 किलोमीटर दूर है। एक लड़की की उम्र 21 और दूसरी की 24 साल थी। गौरतलब हों हिंसा में 150 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं, वहीं 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 65,000 से अधिक लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। आगजनी की 5 हजार से ज्यादा घटनाएं हुई हैं। 6 हजार मामले दर्ज हुए हैं।