अर्चना कुमारी। यही बयान कोई दक्षिणपंथी नेता देता तो बवाल मच जाता लेकिन कोई मुस्लिम अपने समाज का सच बता रहा तो किसे क्या आपत्ति होगी। मुस्लिम नेता बदरुद्दीन अजमल ने एक कार्यक्रम के दौरान मुस्लिमों की शिक्षा को लेकर चिंता जाहिर की और कहा ज्यादातर अपराधों में मुस्लिम समुदाय के शामिल होते है। ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख है बदरुद्दीन अजमल जो की मुसलमानों को लेकर इस तरह का बयान दिया है और उनका यह बयान विवादित हो गया।
उनका कहना था क्राइम करने में हम नंबर एक है। बदरुद्दीन अजमल 20 अक्टूबर को असम के गोलापारा जिले में एक कॉलेज की एल्यूमनाई मीटिंग को संबोधित करते हुए इस तरह का बयान दिया। लेकिन उनके बयान की आलोचना हो रही लेकिन इसके बाबजूद उनका कहना है उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा था। शिक्षा की कमी के कारण मुसलमानों में अपराध की प्रवृत्ति अधिक है और यही वजह है, मुसलमान क्राइम में नंबर-1 हैं। इसके साथ उन्होंने इसके पीछे कई नेताओं को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अतीत में कई मुसलमान अपने समुदाय के लोगों को धोखा देकर नेता बन गए लेकिन मुस्लिम समुदाय के लिए कुछ नहीं किया।
बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि मैंने दुनियाभर में मुस्लिम समुदाय में शिक्षा की कमी देखी है और इसका मुझे दुख होता है कि हमारे बच्चे पढ़ते नहीं। मुस्लिमों के लिए हायर एजुकेशन तो दूर की बात है, यहां तक कुछ लोग हाईस्कूल तक की भी पढ़ाई नहीं करते। उन्होंने बयान का जिक्र कर कहा कि मैंने मुस्लिम समुदाय के लोगों के एजुकेशन पर चिंता जताते हुए ऐसा कहा था। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि कई लड़के कहते हैं कि लड़कियों को देखकर उनका खून खौल जाता है, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि हमारा इस्लाम कहता है कि अगर हम बाजार में हैं तो हमारी नजरें झुकी होनी चाहिए।
इस बयान पर असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया ने कहा कि अगर बदरुद्दीन अजमल की पार्टी का कोई विधायक विधानसभा में ये शब्द उठाएगा तो हम इसका उचित जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि एआईयूडीएफ प्रमुख को विवादास्पद बातें कहने की आदत है, ये कोई नई बात नहीं है। इस पर गुवाहाटी हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील हाफिज रशीद अहमद चौधरी ने पूछा कि बदरुद्दीन अजमल लंबे समय से सांसद हैं, लेकिन उन्होंने मुस्लिम समाज में सुधार के लिए अब तक क्या किया। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि अजमल की विवादास्पद टिप्पणियों के पीछे एक राजनीतिक एजेंडा है।
सनद रहे पिछले हफ्ते असम के गोलपारा जिले के एक निजी कॉलेज में समारोह के दौरान अजमल ने कहा था कि लूट, डकैती, बलात्कार, लूट जैसे अपराध में हम सभी में नंबर 1 हैं। उन्होंने मुस्लिमों में अशिक्षा को अपराध से जोड़ते हुए कहा था कि हमारे बच्चों को स्कूल और कॉलेज जाने के लिए समय नहीं मिलता है, लेकिन जुआ खेलने, दूसरों को धोखा देने के लिए पर्याप्त समय मिलता है। उन्होंने कहा था कि लोग चांद-सूरज पर जा रहे हैं और हम जेल कैसे जाएं, इस पर पीएचडी कर रहे हैं।
सभी गलत चीजों के लिए मुस्लिम हैं। इतना ही नहीं अजमल ने यह भी कहा था कि अगर आप जेल जाएंगे तो आपको अब्दुर रहमान, अब्दुर रहीम, अब्दुल मजीद, बदरुद्दीन, सिराजुद्दीन, फखरुद्दीन नाम के लोग ज्यादा दिखाई देंगे। मीटिंग को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों में शिक्षा के अभाव है।
उन्होंने मुस्लिमों में अशिक्षा को सीधे बढ़ते अपराधों से जोड़ दिया। उन्होंने आगे कहा, ‘दूसरी तरफ लड़के कहते हैं कि लड़कियों को देखकर उनका खून खौल उठता है। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि हमारा इस्लाम कहता है कि अगर हम बाजार में हैं तो हमारी नजरें झुकी होनी चाहिए। अगर हम लड़कियों को बुरी नजर से देखते हैं, तो उन्हें पता होना चाहिए कि उनके परिवार में मां-बहनें हैं. अगर आप इस बारे में सोचेंगे तो आपके दिमाग में कभी बुरे ख्याल नहीं आएंगे।