अर्चना कुमारी। पावर बैंक, ईजेएडप्लान, सन फैक्ट्री और ना जाने कई अन्य चीनी एप्स है जो फर्जीवाड़े का रैकेट चला रहे है। गिरोह का मास्टरमाइंड चीन में मौजूद रहकर भारत देश के कई हिस्सों में फर्जी कंपनियां खोल कर निवेश करवाने के नाम पर ठगी का रैकेट चला रहा है । पुलिस ने इस तरह के गिरोह में शामिल 11 लोगों को धर दबोचा। इनमें से दो चार्टेर्ड अकाउंटेंट और तिब्बत की रहने वाली एक महिला आदि शामिल है ।
दिल्ली पुलिस के अनुसार सोशल मीडिया पर चाइना के कई ऐप, जो लोगों को निवेश करवाने के नाम पर ठगी कर रहे है। दिल्ली पुलिस साइबर सेल को जांच के दौरान पता चला कि दो महीने के भीतर करीब पांच लाख लोगों से 150 करोड़ रुपए की ठगी की गई जबकि ढाई सौ करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी का अंदेशा है । इस साल के शुरू में पुलिस ने 2 चीनी ऍप्लिकेेशन पर कारवाई किया था।
बाद में पुलिस को जानकारी मिली कि कुछ और चीनी एप्प है जो फिर से सक्रिय हो गए है जो ठगी के साथ साथ बड़े पैमाने पर देश के लोगों का डेटा भी चोरी कर रहे हैं। इसके बाद रैकेट का पर्दाफाश हुआ और शेख रॉबिन, अविक केडिया, रोनक बंसल, उमाकांत आकाश जोयस, वेद चंद्रा, हरी ओम, अभिषेक, शशि बंसल, मिथलेश शर्मा, अरविंद व अन्य आदि पकड़े गए ।
इनमें अविक केडिया और रोनक बंसल चार्टर्ड अकाउंटेंट है और पुलिस ने 11 करोड रूपए विभिन्न बैंक अकाउंट और पेमेंट गेटवे में ब्लॉक कर दिए हैं। वहीं आरोपी चार्टर्ड अकाउंटेंट से 97 लाख नगद बरामद हुए। दरअसल साइबर सेल दिल्ली पुलिस मिली शिकायत के बाद पश्चिम बंगाल और दिल्ली एनसीआर में कई जगह पर छापेमारी की ।
इस दौरान पश्चिम बंगाल से पुलिस ने शेख रोबिन नामक जालसाज को धर दबोचा और इसी के निशानदेही पर अन्य आरोपी दबोचे गए । इस गैंग के सदस्यों से 30 मोबाइल बरामद किए गए। जबकि आरोपियों के कब्जे से 29 बैंक अकाउंट का भी पुलिस को पता लगा है, जिसमें लाखो करोड़ों ठगी के रकम ट्रांसफर हुए हैं। साइबर सेल का कहना है कि चीनी एप्प टेक्नोलॉजी के नाम पर रुपए कमाने का लालच लोगों को दे रहे ।
जो कोई इस एप्प को जॉइन करता तो उसे मेंबर्स बनाने का लालच दिया जाता था। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ सके। कोई भी व्यक्ति महज 300 रुपए देकर जुड़ सकता था। कई लोगों ने इसमे लाखों रुपए इन्वेस्ट किये है। मेंबर जॉइन करने के बाद इनको 10 परसेंट का रिटर्न आता था। लालच में लोग ज्यादा से ज्यादा रुपए डाल रहे थे। लेकिन ये रुपए केवल मोबाइल एप्लीकेशन में ही नजर आते थे एकाउंट में नहीं नजर आता था।
बाद में जमा कराएं रुपए को क्रिप्तोकरंसी के जरिये शैल (फर्जी )कंपनीज के एकाउंट में ट्रांसफर किया जाता था। शेल कंपनियां और एकाउंट भी फर्जी तरीके से बनाई गई। ऐसा करने बाले दोनों चार्टर्ड अकाउंटेंट है। अब तक करीब 50 लाख लोग इन एप्प्स को डाऊनलोड कर चुके है। पुलिस का कहना है कि चीन में बैठे इन ठगों पर करवाई के लिए जो प्रॉपर चैनल होगा उसके जरिये अप्रोच की जा रही है।
दोनों चार्टर्ड अकाउंटेंट को फर्जी कंपनी बनाने में महारत हासिल है और वे शेल कंपनीज अपने फैमिली मेंबर, दोस्त और एम्पलॉइज के नाम पर खोलते, जिन्हें वे चाइनीज जालसाज को दो से तीन लाख में एक कंपनी को बेच देते। इन्होंने चाइनीज जालसाजों के लिए 110 शेल कंपनियां बनाई थी। इस केस में कई चीनी जालसाज के नाम का खुलासा हो चुका है लेकिन कोई पकड़ा नहीं जा सका है।
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