अर्चना कुमारी दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक याचिका पर पुलिस और उन दो लोगों से जवाब मांगा है जिन्होंने 2018 में यहां कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के बाहर कार्यकर्ता उमर खालिद पर कथित तौर पर गोलियां चलाई थीं।
उमर खालिद ने अपनी याचिका में दोनों को हत्या के प्रयास के आरोप से मुक्त करने के अधीनस्थ अदालत के आदेश को चुनौती दी है। दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 201 (साक्ष्य नष्ट करना), 34 (सामान्य इरादे को आगे बढाने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 एवं 27 (प्रतिबंधित हथियार और गोला-बारूद रखना) के तहत दंडनीय अपराध के लिए आरोप तय किए गए थे।
इनकी सुनवाई मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा की जाती है। न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने पटियाला हाउस अदालत के एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा पारित छह दिसंबर, 2023 के आदेश को चुनौती देने वाली जेएनयू के पूर्व छात्र खालिद की याचिका पर पुलिस एवं दो आरोपियों, दरवेश और नवीन दलाल को नोटिस जारी किए।
अदालत ने इस मामले में सुनवाई की अगली तीख 21 मई को तय की है। ज्ञात हो खालिद पर कथित हमला तब किया गया जब वह 13 अगस्त, 2018 को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित होने वाले कार्यक्रम ‘खौफ से आजादी’में हिस्सा लेने जा रहा था।