अर्चना कुमारी। गुजरात के बनासकांठा में पाकिस्तान से आए लगभग पैंतालीस हिंदू शरणार्थियों को ‘अधिक समय तक रुकने’ के कारण हिरासत में लिया गया था।
गुजरात पुलिस रविवार को कहा कि उनके वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया और दीर्घकालिक वीजा (एलटीवी) के लिए उनके आवेदन खारिज कर दिए गए। उन्हें यहां अकोली गांव से हिरासत में लिया गया और उन्हें वापस पाकिस्तान भेजने की प्रक्रिया चल रही है।
ऐसे ही लोगों को घर वापसी के लिए का नागरिक संशोधन कानून बनाया गया लेकिन कानून के ठंडे बस्ते में चले जाने से हिंदू शरणार्थियों के साथ ठीक बर्ताव नहीं हो रहा है। बताया जाता है ये पाकिस्तानी नागरिक उत्तराखंड के हरिद्वार की यात्रा के लिए भारत में थे और अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए बनासकांठा आए थे। वे वैध वीजा पर पिछले दो महीने से भारत में थे।
वे अधिक समय तक रुके रहे क्योंकि उनके वीजा की अवधि समाप्त हो गई थी और उनका एलटीवी स्वीकृत नहीं था। गौरतलब हो की 1947 में अपनी स्थापना के बाद से इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान में हिंदुओं पर लगातार अत्याचार किया जा रहा है।
विशेष रूप से, केंद्र ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों- हिंदू, जैन, पारसी, सिख, बौद्ध और ईसाइयों- के लिए तेजी से नागरिकता प्रदान करने के लिए दिसंबर 2019 में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) लाया था। हालांकि, केंद्र सरकार ने अभी तक इसके लिए नियम नहीं बनाए हैं और यह लागू नहीं है।