अर्चना कुमारी। हिंदू अब अपनी आवाज भी नही उठा सकता। ऐसा ही हुआ जब जंतर मंतर पर हिंदुओं के साथ धक्का-मुक्की की गई और यति नरसिंहानंद का चश्मा टूट गया । मेवात की हिंसा के खिलाफ ऑल इंडिया सनातन फेडरेशन के बैनर तले कई हिंदू संगठन दिल्ली के जंतर मंतर पर जुटे और सभा चल भी रहा था लेकिन इस दौरान मंच से भड़काऊ बातें बोले जाने की बात कह कर पुलिस ने सभा को अचानक रुकवा दिया।
गौरतलब हो कि पिछले दिनों हरियाणा के मेवात में हिंसा हुई थी और इसके विरोध में हिंदू संगठन के लोग जंतर-मंतर पहुंचे थे। धरना देने वाले संगठनों का कहना था कि उन्होंने इसकी पुलिस से इजाजत ली थी लेकिन अचानक कार्यक्रम रोक दिया गया और पुलिसकर्मियों ने कार्यकर्ताओं के साथ धक्का-मुक्की की ,जिससे कई चोटिल हुए।
इस पंचायत में दिल्ली और हरियाणा के हिंदू संगठनों के प्रतिनिधि जुटेऔर दोपहर 12 बजे शुरू हुई पंचायत। जबकि इसकी अनुमति दो बजे दोपहर तक की थी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने इसे बीच में ही रोक दिया। दिल्ली पुलिस ने अपने सफाई में कहा कि पंचायत के मंच से लगातार समुदाय विशेष के विरोध में आपत्तिजनक बयान दिए जा रहे थे, जिसके बाद आयोजकों से कहा कि उनको शांतिपूर्ण पंचायत के लिए अनुमति दी गई थी, लेकिन लगातार जिस तरह के बयान मंच से आ रहे हैं उसके बाद ये अनुमति रद्द की जाती है। बताया जाता है कि ऑल इंडिया सनातन फेडरेशन के बैनर तले इस पंचायत का आयोजन किया गया था, जिसमें अन्य हिन्दू संगठन भी शामिल थे। सूत्रों का दावा है कि पुलिस पहले ही इस कार्यक्रम की अनुमति देने के पक्ष में नहीं थी और जब बाद में अनुमति दे दी गई तो उन्हें किसी भी प्रकार से कार्यक्रम नहीं होने देने का निर्देश दिया गया था।
पंचायत का आयोजन मेवात में 31 जुलाई को शोभा यात्रा के दौरान हुई हिंसा के विरोध में आयोजित किया गया था, लेकिन कार्यक्रम में कई ऐसे हिंदूवादी नेता और संत समाज के लोग भी पहुंचे, जिन पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया है। इस महापंचायत के दौरान बीजेपी नेता जय भगवान गोयल, डासना पीठ के स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती, हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता आदि उपस्थित थे। दिल्ली पुलिस का कहना है कि कई लोगों ने अपने भाषण में बिट्टू बजरंगी और मोनू मानेसर का समर्थन किया और उनके खिलाफ हुई कानूनी कार्रवाई को गलत बताते हुए तुरंत बिट्टू की रिहाई की मांग की। हिंदू संगठनों का कहना है कि अब पुलिस को कौन समझाएगा की रिहाई की बातें करना कहां से गलत है।
पंचायत में शामिल लोगों का कहना था कि मेवात में हमला हिंदुओं पर हुआ और कार्रवाई भी हिंदुओं के खिलाफ ही की जा रही है जबकि हिंदू पंचायत के आयोजकों की मांग है कि नूंह में सीआरपीएफ कैंप बनाया जाए ताकि वहां की हिंदू आबादी खुद को सुरक्षित महसूस करे और भविष्य में इस तरह की घटना न हो। ज्ञात हो रविवार को पंचायत के आयोजन की अनुमति देने के बावजूद दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए थे। बताया जाता है पंचायत के लिए अलग बैरिकेडिंग बनाई गई थी और मीडिया के लिए सड़क की दूसरी तरफ अलग घेरा बनाया गया था