अर्चना कुमारी इंदिरा गांधी का दिया हुआ नाम मोदी सरकार में बदल दिया गया है। आजादी के रजत जयंती वर्ष पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने यह नाम प्रगति मैदान रखा था।
लेकिन प्रगति मैदान अब भारत मंडपम के नाम से जाना जाएगा। भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन ने समूचे परिसर का ही नाम भारत मंडपम कर दिया है।
वो हिस्सा जिसमे जी-20 शिखर सम्मेलन हुआ था। उसका नाम अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी व सम्मेलन केंद्र होगा। इस बदलाव के तहत प्रवेश द्वारों पर भी भारत मंडपम लिखा जाना शुरू हो गया है।बताते है राजधानी की पहचान प्रगति मैदान अब भारत मंडपम के नाम से जाना जाएगा।
इस बदलाव के तहत आइटीपीओ की वेबसाइट पर ही नहीं, बल्कि प्रवेश द्वारों पर भी भारत मंडपम लिखा जाना शुरू हो गया है।
सनद हो कि पहले एग्जीबिशन ग्राउंड से पहचाने जाने वाले इस स्थान को प्रगति मैदान का नाम स्वतंत्रता के रजत जयंती वर्ष 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया था। उसी वर्ष में यहां एशिया 72 प्रदर्शनी लगी थी, जिसका उद्घाटन इंदिरा गांधी ने ही किया था।
उस दौरान तब से राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मेला स्थल के रूप में प्रगति मैदान देश-विदेश में लोकप्रिय रहा। एक तरह से यह दिल्ली की पहचान बन गया था।लोगो की भीड़ अक्सर यहां होती रही है।
आइटीपीओ के कार्यकारी निदेशक रजत अग्रवाल ने बताया कि प्रगति मैदान के पूरे कैंपस को भारत मंडपम नाम दिया गया है।इसके दो हिस्से हैं, एक इंटरनेशनल एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर एवं दूसरा विभिन्न प्रदर्शनी हाल। समग्र रूप से यह अब भारत मंडपम है।
दरअसल, नाम बदलने की औपचारिक शुरुआत गुरुवार से ही यहां लगे पांच दिवसीय 38वें अंतरराष्ट्रीय खाद्य एवं आतिथ्य मेला आहार-2024 से हुई है।
मेले से जुड़े विज्ञापनों, निमंत्रण पत्रों, टिकटों एवं पास वगैरह में सभी जगह प्रगति मैदान का नहीं, बल्कि भारत मंडपम का नाम दिया गया है।