अर्चना कुमारी दिल्ली उच्च न्यायालय ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया।
उच्च न्यायालय ने कहा कि कई बार राष्ट्रीय हित को निजी हित के ऊपर तरजीह देनी होती है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा, ‘‘कई बार राष्ट्रीय हित को निजी हित से ऊपर रखना पड़ता है लेकिन यह उनका व्यक्तिगत फैसला है।
हमें एक अदालत के तौर पर कानून के अनुसार चलना होगा। आपका समाधान यहां नहीं, कहीं और है। आप सक्षम प्राधिकरण के पास जाइए।’
’ पीठ ने कहा कि उसने हाल में ऐसी ही एक जनहित याचिका खारिज कर दी थी जिसमें केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने का अनुरोध किया गया था और इसलिए वह कोई अलग रुख नहीं अपना सकती है।
याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता के वकील ने कहा कि चूंकि अदालत ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है तो उन्हें याचिका वापस लेने का निर्देश दिया गया है और वह उपराज्यपाल के समक्ष अपनी अर्जी लेकर जाएंगे।
अदालत ने याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए उसका निस्तारण कर दिया।