अर्चना कुमारी। दिल्ली दंगे के दौरान आगजनी करने एवं दंगाई भीड़ का हिस्सा होने के आरोपों से एक व्यक्ति और उसके पुत्र को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं। इसके बाद दोनों हिंदू पिता-पुत्र ने राहत की सांस ली है और इंसाफ के लिए न्यायालय का धन्यवाद दिया है।
कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने यह कहते हुए आरोपी मिठन सिंह एवं उनके बेटे जॉनी कुमार के खिलाफ तीन शिकायतों के आधार पर दो मामलों की सुनवाई कर रहे थे।
अभियोजन पक्ष ने कहा था कि दोनों आरोपी 25 फरवरी को खजूरी खास की गली नंबर-29 में एक विशेष समुदाय के लोगों की संपत्तियों की पहचान करने के बाद, शिकायतकर्ताओं सहित अन्य के घरों में आग लगाने वाली दंगाई भीड़ का हिस्सा थे। न्यायाधीश ने कहा कि दोनों आरोपियों को इस मामले में उन पर लगे सभी आरोपों से बरी किया जाता है।
बताया जाता है कि न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष के गवाहों का हवाला देते हुए कहा कि वे दंगाई भीड़ का हिस्सा होने के रूप में दोनों आरोपियों की पहचान नहीं कर सके। खजूरी खास थाने में आरोपी पिता-पुत्र के खिलाफ दंगा समेत आईपीसी की विभिन्न अपराधों को लेकर आरोपपत्र दाखिल किया गया था। लेकिन उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं पाया गया जिसके बाद उन्हें रिहा करने का आदेश दिया गया