किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए आज देश पूरी तरह सक्षम है। वो चाहे कश्मीर घाटी में आई भयानक बाढ़ हो या फिर केदारनाथ में आया प्रलय हो। देश कुशलतापूर्वक उससे निपटने में सक्षम रहा है। अपने देश पर आई विपदा से ही निपटने में सक्षम नहीं है बल्कि दूसरे देशों में आई आपदा के समय मदद करने में समर्थ है। नेपाल में आया प्रलयंकारी भूकंप से उबरने में भारत ने ही मदद की थी। लेकिन शशि थरूर जैसे कांग्रेसी नेता आज भी देश को याचक बनाने पर तुले हुए हैं। इस समय जब केरल में आई विपदा से निपटने में देश पूरी तरह सक्षम है तब थरूर ने यूएन से भीख मांगकर देश का अपमान किया है। जबकि इस समय उन्हें देश के संसांधन से ही मदद करने में जुटना चाहिए, जिस प्रकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक जुटे हुए हैं।
Shashi Tharoor, please watch what the Hindu Talibanis are doing in a Muslim house!
These RSS Talibanis asked the Muslim woman "Where are your children?
The Muslim woman smilingly said "They are all outside India"
SwayamSevaks smiled back & continued cleaning
That's RSS for you! pic.twitter.com/d1LuLD20ed
— Mahesh Vikram Hegde (@mvmeet) August 21, 2018
मुख्य बिंदु
* शशि थरूर ने जिस देशभक्त संगठन को हिंदू तालिबान कहा था आज उसी के कार्यकर्ता मुसलिमों की सेवा में जुटे हैं
* थरूर को जेनेवा की सैर पर नहीं जाना चाहिए उन्हें अपने राज्य के लोगों का कंधे से कंधा मिलाकर साथ देना चाहिए
शशि थरूर ने ही कभी संघ को हिंदू तालिबान कहा था। आज उन्हें गौर से देखना चाहिए कि सामाजिक कार्यों से देश निर्माण में जुटे जिस देश भक्त संगठन संघ को उन्होंने हिंदू तालिबान कहा था आज उसी के कार्यकर्ता उन्हीं के के संसदीय क्षेत्र में आई प्राकृतिक विपदा से लोगों को उबारने में जी-जान से जुटे हैं। जिस संगठन को ये लोग मुसलिम विरोधी बताने में नहीं थकते उन्हें गौर से देखना चाहिए कि किस प्रकार संघ के कार्यकर्ता हिंदू मुसलमान का भेद किए बिना संकट में फंसे लोगों को निकाल रहे हैं!
जिसे वे तालिबानी बता रहे हैं आज उसी संगठन के कार्यकर्ता केरल की एक मुसलिम महिला से मदद के उद्देश्य से पूछ रहे हैं कि आपके तो सुरक्षित हैं न? वे सभी ठीक हैं? महिला जवाब देती हैं कि वे सब देश से बाहर हैं। इतना सुनने ही आरएसएस के कार्यकर्ता मुस्कुराते हुए उनके घर को अपना मानकर उसे बचाने और साफ करने में जुट जाते हैं। क्यों थरूर जी अभी भी आपको संघ और उसके कार्यकर्ता तालिबानी लगते है? जरा अपनी सोच बदलिए।
थरूर स्वयं केरल को इस हालत में छोड़कर देश को अपमानित करने और अपने राज्य के लोगों को दिखाने के लिए यूएन से मदद मांगने जेनेवा की सैर कर रहे हैं। जबकि इस संकट की घड़ी में उन्हें अपने प्रांतवासियों के साथ कंधा मिलाकर काम करना चाहिए। देश को आज किसी दूसरे देश की भीख की जरूरत नहीं है। देश के पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध है, बस जरूरत है तो संघ के कार्यकर्ता जैसे जज्बे कि और उपलब्ध संसाधनों का सही तरीके से आपूर्ति करने की।
URL: Rss workers helping in kerala floods and Shashi Tharoor Knocks on UN’s Door for Kerala Relief
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