अर्चना कुमारी। लूटपाट और डकैती की ताबड़तोड़ वारदातों से आतंक मचाने वाले सद्दाम-गौरी गैंग के दो बदमाशों को धर दबोचा गया। मध्य जिला के एएटीएस (एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वायड) ने दोनों बदमाशों को गिरफ्तार किया । दिल्ली पुलिस का दावा है कि गैंग एक ही दिन में पांच से छह लूटपाट और डकैती की वारदात को अंजाम दे देता था। इतना ही नहीं आठ जून को इन्होंने एक बड़ी राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता से डकैती की थी।
पुलिस के अनुसार पकड़े गए आरोपियों की पहचान हड्डी गोदाम, खालापार, मुजफ्फरनगर, यूपी निवासी मोहम्मद मुस्तकीम (25) और मेहंदी हसन (35) के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों के पास से लूटी गई शेवरले क्रूज कार, एक पिस्टल, पांच पिस्टल व अन्य सामान बरामद किया है। फिलहाल इनकी गिरफ्तारी से पुलिस ने दिल्ली एनसीआर के 9 मामले सुलझाने का दावा किया है। पुलिस को गैंग के बाकी सदस्य सुल्तान, शावेज और एक अन्य की तलाश है। जो दिल्ली तथा आसपास के इलाकों में ताबड़तोड़ लूट और डकैती की वारदातों को अंजाम दे रहे ।
पुलिस ने बताया कि आठ जून को क्रूज कार सवार बदमाशों ने राजेंद्र नगर इलाके में नितिन धवन नामक कारोबारी से डकैती की थी। पूछताछ में पता चला कि नितिन अपने घर के बाहर दोस्त के साथ खड़े थे। इस दौरान पांच बदमाशों ने उनको पिस्टल दिखाकर सोने की चेन, अंगूठी और कड़ा लूट लिया था। नितिन एक राजनीतिक पार्टी से जुड़े हैं और एक जज का भी रिश्तेदार बताया जाता है।
पुलिस ने इस तरह की जानकारी के बाद फौरन डकैती का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। पुलिस टीम ने भी आरोपियों की पहचान के प्रयास शुरू कर दिए। जांच के दौरान पता चला कि लूट की घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी। सभी बदमाशों ने चेहरे छिपाने के अलावा सिर पर भी टोपी लगाई हुई थी। जांच के दौरान पता चला कि इन बदमाशों ने आठ जून की सुबह को ही पश्चिम दिल्ली के हरी नगर में सोने की चेन लूटी थी। पुलिस ने आरोपियों आने और फरार होने के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला।
फुटेज से पता चला कि बदमाश राजेंद्र नगर से डाबड़ी की ओर गए हैं। करीब 20 किलोमीटर कैमरों की पड़ताल के बाद आरोपियों की कार का पता लगा लिया गया। इस बीच पुलिस की एक टीम ने कार के पास ट्रैप लगाकर इंतजार किया। जैसे ही मुस्तकीम और मेहंदी हसन कार के पास पहुंची पुलिस ने दोनों को काबू कर लिया। इन लोगों ने लूटपाट में अपना होने की बात कबूल कर ली। मुस्तकीम ने बताया कि वह गैंग लीडर है। यह चोरी के वाहनों पर लूटपाट करते हैं। यदि पुलिस की नजर में वाहन आ जाते हैं तो उनको छोड़ दिया जाता है। बाइक, स्कूटी या कार को चोरी या लूटने के बाद इनको वारदात के लिए इस्तेमाल किया जाता है।