आईएसडी नेटवर्क। कुश्ती संघ के चुनाव में कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के समर्थित उम्मीदवारों ने पंद्रह में से तेरह पदों पर जीत हासिल कर ली। बृजभूषण के विश्वासपात्र संजय सिंह को शुक्रवार को भारतीय कुश्ती संघ का नया अध्यक्ष चुन लिया गया। इसके विरोध में बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाने वाली रियो ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने की घोषणा कर दी। इसके ठीक बाद ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया ने अपना पद्म श्री पुरस्कार लौटाने का ऐलान किया और पीएम आवास के बाहर दिल्ली के कर्तव्य पथ के पास फुटपाथ पर रख दिया।
कुश्ती संघ के चुनाव के ठीक बाद देश के दो स्टार पहलवानों के विरोध प्रदर्शन ने सनसनी मचा दी है। जिस ढंग से इन दोनों खिलाडियों ने विरोध जताया है, वह आश्चर्यजनक है। साक्षी मलिक ने पत्रकारों से हुई एक वार्ता के दौरान रोते हुए कुश्ती छोड़ने की घोषणा कर दी। उन्होंने विरोध स्वरुप अपने जूते टेबल पर ही छोड़ दिए और रोते हुए वहां से चली गई। इस घटना के एक दिन बाद शुक्रवार को ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री आवास के बाहर अपना पद्म श्री पुरस्कार छोड़ दिया।
पुनिया के इस तरह पद्म श्री पुरस्कार फुटपाथ पर छोड़ देने से कुश्ती जगत में हंगामा मच गया है। पुनिया ने प्रधानमंत्री के नाम पर एक खुला पत्र लिखकर अपना विरोध प्रकट किया है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि ‘आपको पता होगा कि इसी साल जनवरी महीने में देश की महिला पहलवानों ने कुश्ती संघ पर काबिज बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। महिला पहलवानों ने अपना आंदोलन शुरू किया तो मैं भी उसमें शामिल हो गया था। आंदोलित पहलवान जनवरी में अपने घर लौट गए और उन्हें सरकार ने ठोस कार्रवाई की बात बोली, लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी जब सिंह पर एफआईआर तक नहीं की गई तो हम पहलवानों ने अप्रैल महीने में दोबारा सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया ताकि दिल्ली पुलिस कम से कम बृजभूषण सिंह पर एफआईआर दर्ज करें। इसके बाद भी बात नहीं बनी तो हमें कोर्ट में जाकर एफआईआर दर्ज करवानी पड़ी।
इसके बाद भारतीय कुश्ती संघ के नव नियुक्त उपाध्यक्ष देवेंद्र कादियान ने कहा कि बजरंग पुनिया मेरा छोटा भाई है। कल मैं और बजरंग साथ दिल्ली से सोनीपत लौटे लेकिन मुझे अंदाजा नहीं था कि वो ऐसा कदम उठा सकते हैं। अपना पुरस्कार पीएम आवास के बाहर छोड़ने के सवाल पर बजरंग पुनिया ने कहा कि ‘हम अपनी बेटियों और बहनों के लिए लड़ रहे थे। मैं उन्हें न्याय नहीं दिला सका। इसके कारण, मुझे लगता है कि मैं इस सम्मान के लायक नहीं हूं। मैं यहां अपना पुरस्कार लौटाने आया था, हालांकि, मैं नहीं मिल सका पीएम के साथ क्योंकि मेरे पास अपॉइंटमेंट नहीं था। पीएम का कार्यक्रम व्यस्त है। इसलिए मैं अपना पुरस्कार पीएम को लिखे पत्र पर रख रहा हूं। मैं यह पदक अपने घर नहीं ले जाऊंगा।’
उल्लेखनीय है कि विगत 18 जनवरी 2023 को पहलवानों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया। डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण और धमकी का आरोप लगाया तथा उनके इस्तीफे और महासंघ को भंग करने की मांग की। इसके बाद ये मामला खींचता चला गया। सरकार ने मामले को लेकर कोई सीधी कार्रवाई नहीं की। इसके बाद 23 अप्रैल को पहलवान फिर से जंतर-मंतर पर आ जुटे। पहलवानों ने कहा कि एक नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों ने कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है। दावा किया कि पुलिस ने अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।
25 अप्रैल को पहलवानों ने बृजभूषण के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। जून माह में पहलवानों ने हरिद्वार पहुंचकर अपने पदक गंगा नदी में बहाने की बात कही। इसके बाद खेल मंत्रीअनुराग ठाकुर द्वारा यह आश्वासन दिए जाने के बाद विरोध रुका कि बृजभूषण के खिलाफ पुलिस जांच पूरी हो जाएगी और लंबित डब्ल्यूएफआई चुनाव 30 जून तक कराए जाएंगे। वर्षभर तक ये मामला ऐसे ही चलता रहा। बृजभूषण को अंतरिम जमानत भी दे दी गई और इस कारण उनकी गिरफ्तारी भी टल गई।