
देशभर में बदल जाएंगी स्कूल यूनिफॉर्म! देखिए NCERT की नई गाइडलाइन
NCERT ने करीब एक साल पहले स्कूलों में ट्रांसजेंडर बच्चों को शामिल करने को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की. लेकिन इस रिपोर्ट पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) द्वारा आपत्ति जताई गई. NCPCR ने सलाह दी थी कि रिपोर्ट में जेंडर-न्यूट्रल टॉयलेट और प्यूबर्टी ब्लॉकर्स का जिक्र नहीं है. वहीं, अब NCERT ने अब एक नया मैनुअल जारी किया है. इस नए मैनुअल या कहें गाइडलाइन में न तो जेंडर-न्यूट्रल टॉयलेट और प्यूबर्टी ब्लॉकर्स जैसे टॉपिक को शामिल किया गया है, बल्कि जाति व्यवस्था और पितृसत्तात्मकता को भी इग्नोर कर दिया गया है.
यहां गौर करने वाली बात ये है कि पिछली रिपोर्ट में जाति व्यवस्था और पितृसत्तात्मकता दोनों ही टॉपिक्स का जिक्र था. NCERT द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट मैनुअल का टाइटल ‘Integrating Transgender Concerns in Schooling Processes’ है. इसमें ट्रांसजेंडर बच्चों को स्कूल में शामिल करने को लेकर बात की गई है. इसे NCERT की जेंडर स्टडीज डिपार्टमेंट की प्रमुख ज्योत्सना तिवारी द्वारा गठित 16 सदस्यीय समिति द्वारा तैयार किया गया है. इसमें स्कूली बच्चों के लिए जेंडर-न्यूट्रल यूनिफॉर्म लाने की सिफारिश की गई है.
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जेंडर-न्यूट्रल यूनिफॉर्म क्या है?
जेंडर-न्यूट्रल यूनिफॉर्म उस स्कूली ड्रेस को कहा जाता है, जो सबके लिए एक जैसी होती है. आमतौर पर माना जाता है कि जेंडर-न्यूट्रल यूनिफॉर्म स्टूडेंट्स को किसी एक जेंडर तक सीमित नहीं करता है. इस तरह का यूनिफॉर्म लड़के और लड़कियों या फिर ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स के बीच अलगाव को खत्म करता है. इससे ये संदेश जाता है कि इंसान फिर वो लड़का-लड़की हो या ट्रांसजेंडर सब एक ही हैं. केरल के कोझिकोड़ में 2020 में पहली बार जेंडर न्यूट्रल यूनिफॉर्म को लाया गया था.

जेंडर न्यूट्रल यूनिफॉर्म में स्टूडेंट्स
मैनुअल में कहा गया है, ‘कुछ स्टूडेंट्स, खासतौर पर छठी क्लास से ऊपर के स्टूडेंट्स की कपड़ों को लेकर अपनी च्वाइस होती है. स्कूल यूनिफॉर्म को लेकर तो और भी ज्यादा. वे किसी खास तरह की ड्रेस में कंफर्टेबल फील नहीं करते हैं. स्कूल जेंडर-न्यूट्रल यूनिफॉर्म पेश कर सकते हैं, जो आरामदायक, जलवायु उपयुक्त, फिट और किसी खास जेंडर के अनुरूप न हो.’ अगर इस मैनुअल को अपनाया जाता है, तो उम्मीद की जा सकती है कि सबके लिए एक जैसी यूनिफॉर्म हो जाएगी.
टॉयलेट को लेकर क्या कहा गया?
NCERT की नई रिपोर्ट में ट्रांसजेंडर को लेकर कहा गया है कि भारत में उनको स्वीकार करने का इतिहास लंबा है. टॉयलेट के मुद्दे पर इसमें कहा गया है कि ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स के लिए खास तरह के टॉयलेट होने चाहिए. इसमें कहा गया, ‘अगर किसी स्कूल में विशेष जरूरत वाले बच्चे (CWSN) के लिए टॉयलेट है, तो इसका इस्तेमाल भी ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स कर सकते हैं.’
साभार-By TV9 Bharatvarsh via Dailyhunt
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