नई दिल्ली, एजेंसी। ज्ञानवापी मस्जिद क्षेत्र में ‘वजू’ (हाथ-पैर धोना) करने को लेकर हल निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक नया आदेश दिया है। कोर्ट ने वाराणसी के जिला अधिकारियों से रमजान के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद क्षेत्र में वजू की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए एक अनुकूल समाधान निकालने को 18 अप्रैल को एक बैठक बुलाने के लिए कहा है।
ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े सात मुकदमों को एक साथ सुनने की मांग को लेकर लंबित प्रार्थना पत्र पर सोमवार को जिला अदालत में सुनवाई हुई। कोर्ट ने सातों मुकदमों को अपनी अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है। अब कोर्ट तय करेगा कि सभी सातों वाद एक साथ सुनवाई योग्य हैं या नहीं। सुनवाई की अगली तारीख 21 अप्रैल तय की गई है। मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग को लेकर चल रहे मुकदमे की चार वादी महिलाओं लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास व रेखा पाठक ने ज्ञानवापी से संबंधित विभिन्न न्यायालयों में लंबित मुकदमों को जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने का प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। इसमें प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद, मां शृंगार गौरी मुकदमे की वादी संख्या एक राखी सिंह व स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से आपत्ति दाखिल की गई थी।
21 अप्रैल को फिर सुनवाई
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में रमजान के दौरान नमाज़ियों को वजू में हो रही दिक्कत का मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है। मस्जिद कमेटी के वकील हुजैफा अहमदी कहा कि वजूखाना SC के आदेश पर बंद है। फिलहाल मोबाइल वाशरूम की व्यवस्था कर दी जाए।
सॉलिस्टर जनरल ने कही ये बात
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वजू करने की जगह विवादित है और वहां शिवलिंग होने की बात है, इसलिए यह मांग समस्या पैदा कर सकती है। उन्होंने कहा कि इसपर कलेक्टर और मस्जिद कमेटी फैसला ले सकती है।
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता वजू के लिए सही जगह की मांग कर रहा है। उनकी इस समस्या का हल निकालने के लिए कल एक जरूरी बैठक कर कोई निर्णय लेना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर बैठक में कोई हल निकलता है या मोबाइल वाशरूम के लिए आपसी सहमति बनती है तो बिना हमारे अगले आदेश के इसे लागू दर दिया जाए।