अर्चना कुमारी। अतीक और अशरफ की हत्या की पहेली अब तक अनसुलझी है। उसे डॉन बनने की चाहत में लवलेश अरुण और सनी सिंह ने यूं ही मार दिया या फिर किसी ने सुपारी देकर उसकी हत्या करा दी । कहा तो यह भी जाता है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी और भारत में बैठे इनके गुर्गे इन तीनों हत्यारों को अपने स्लीपर सेल के जरिए मरवा दिए।
आरोप तो उन लोगों पर भी है, जिनकी अतीक और अशरफ से बेहद गहरे रिश्ते थे और उन्हें डर था कि कहीं दोनों भाई उनकी पोल ना खोल दे। कहा तो यह भी जा रहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन ने सरकार की मिलीभगत से इनका काम तमाम कर दिया यह भी आशंका है कि इसकी मौत का राज शायद कभी बाहर नहीं आ पाए।
वैसे अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचीका दाखिल।जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच की मांग गई है और 2017 से उत्तर प्रदेश में अब तक हुए 183 एनकाउंटर की जांच सुप्रीम के रिटायर्ड जज की निगरानी में एक्सपर्ट कमिटी से कराने की मांग
वकील विशाल तिवारी ने दाखिल की । इस बीच सूत्रों का कहना है कि तीनों हत्यारों को प्रयागराज जेल से प्रतापगढ़ जेल भेज दिया गया है । बताया जाता है तीनों हमलवारों को 14 दिन की ज्यूडिशियल कास्टडी में भेज दिया गया ।अब तक कि जांच में यही पता चला है कि ये तीनो आरोपी कॉन्ट्रैक्ट किलर है।
ये तीनो एक दूसरे को पहले से नही जानते।तीनो अलग अलग जिलों में रहने वाले है। इन तीनो को एक साथ लाकर, रेकी करवाने,होटल में रुकवाने,विदेशी हथियार देकर ,मीडिया का फर्जी आई डी कार्ड-बूम और कैमरा देकर अतीक-अशरफ की हत्या के लिए भेजने वाले मास्टरमाइंड की पहचान करने में उत्तर प्रदेश पुलिस के पसीने छूट गए हैं । पुलिस सूत्रों का कहना है कि
अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने के मामले में प्रयागराज पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है उसमें 5 लोगो पर केस दर्ज किया गया है जिसमे 3 हमलावर और 2 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या,साजिश और अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ ।