अर्चना कुमारी। एक स्कूल कक्षा में इस्लाम के पैगंबर के व्यंग्य चित्र दिखाने वाले एक शिक्षक का सिर कलम करने में कथित भूमिका के लिए छह नाबालिगों पर सोमवार को पेरिस में मुकदमा चलेगा। इस हत्या के कारण अधिकारियों को फ्रांस के अभिव्यक्ति और धर्मनिरपेक्षता के पोषित अधिकारों की फिर से पुष्टि करनी पड़ी।
ज्ञात हो इतिहास और भूगोल के शिक्षक सैमुअल पैटी की 16 अक्टूबर 2020 को उत्तर पश्चिमी पेरिस उपनगर में उनके स्कूल के पास चेचेन मूल के एक 18 वर्षीय लड़के द्वारा हत्या कर दी गई थी। यह लड़का कट्टरपंथी बन गया था जिसके बाद हमलावर को पुलिस ने मार गिराया। कक्षा में स्वतंत्र अभिव्यक्ति के मुद्दे पर एक बहस के दौरान पैटी ने व्यंग्यात्मक समाचार पत्र ‘चार्ली आब्दो’ द्वारा प्रकाशित ‘कैरिकेचर’ (व्यंग्य चित्र) दिखाए थे।
इसके बाद सोशल मीडिया पर उनके नाम का खुलासा किया गया। नाबालिगों के संबंध में फ्रांसीसी कानून के अनुसार पेरिस किशोर अदालत में सभी सुनवाई मीडिया की गैर मौजूदगी में आयोजित की जानी है। जिन पर मुकदमा चलना है उनमें एक लड़की भी है जो उस समय 13 वर्ष की थी।
उस पर यह गलतबयानी का आरोप है कि पैटी ने काटरून दिखाने से पहले मुस्लिम छात्रों को हाथ उठाने और कक्षा से बाहर जाने के लिए कहा था। बाद में उसने जांचकर्ताओं को बताया कि उसने झूठ बोला था। जांच से पता चला है कि वह उस दिन कक्षा में नहीं थी और पैटी ने ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया था। पैटी के स्कूल के पांच अन्य छात्र, जिनकी उम्र तब 14 और 15 वर्ष थी, गंभीरं हिंसा को अंजाम देने की साजिश के आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं।