आईएसडी नेटवर्क। कश्मीरी पंडितों के पलायन पर बनाई गई ‘कश्मीर फाइल्स’ 11 मार्च को प्रदर्शित होने जा रही है। इसके प्रदर्शन से एक सप्ताह पूर्व ही फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग जम्मू में की गई। निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री की फिल्म के लिए अब भी राह निष्कंटक नहीं है। फिल्म की रिलीज रोकने के लिए बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है।
जम्मू में कश्मीर फाइल्स की स्क्रीनिंग में बहुत से लोगों को आमंत्रित किया गया था। कई राजनीतिज्ञ, सैन्य अधिकारी और बहुत से कश्मीरी पंडितों ने पहली बार ये फिल्म देखी और अपनी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की। दर्शकों ने फिल्म को सकारात्मक प्रतिक्रियाएं देते हुए विवेक अग्निहोत्री के कार्य को चुनौतीपूर्ण बताया। दर्शकों ने कहा कि ऐसे अनकहे विषय पर फिल्म बनाना बड़ा साहस का कार्य है।
इस अवसर पर निर्देशक अग्निहोत्री ने कहा कि कश्मीर समस्या को राजनीति से जोड़ना गलत है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पंडितों का वोट बैंक नहीं है, इसलिए उनकी समस्या वैसी ही बनी रही। फिल्म को रोकने के प्रयासों पर विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि फिल्म में जो भी दिखाया गया है, वह सत्य घटनाओं पर आधारित कथानक है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर में सन 1990 में जो नारे लगाए गए और जो दीवारों पर लिख दिया गया, वही हमने दिखाया है। उन्होंने कहा कि ये सत्य कुछ लोगों को अखर रहा है। विवेक ने कहा कि इस फिल्म में हमारी चार वर्षों की मेहनत लगी हुई है। उल्लेखनीय है कि विवेक अग्निहोत्री अपनी फिल्म को प्रदर्शित करवाने के लिए अमेरिका का दौरा भी कर आए हैं।
ये फिल्म भारत के साथ अमेरिका के कुछ शहरों में भी प्रदर्शित होगी। उत्तरप्रदेश के एक निवासी हुसैन सईद ने पिछले दिनों बॉम्बे उच्च न्यायालय में द कश्मीर फाइल्स की रिलीज रुकवाने के लिए याचिका दायर की थी। हुसैन ने अपनी याचिका में कहा है कि फिल्म के प्रोमो से मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचती है। याचिकाकर्ता के अनुसार इसके दृश्य साम्प्रदायिक हिंसा का कारण बन सकते हैं।