अर्चना कुमारी। बरेली में कांवड़ियों पर हुए पथराव के साजिशकर्ता सपा नेता पूर्व पार्षद उस्मान अली और साजिद को पुलिस ने गिरफ्तार किया।कोर्ट ने दोनों को 14 दिन के न्यायिक हिरासत में जेल भेजा।इसके अलावा कई और लोगों को हिरासत में लिया गया है और जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि एक सोची समझी साजिश के तहत इस वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जानबूझकर मस्जिद में काफी संख्या में पत्थर रखे गए थे ताकि हिंदुओं को निशाना बनाया जा सके।
बारादरी थाना क्षेत्र के जोगी नवादा में कांवड़ियों पर शाह नूरी मस्जिद और घरों से पथराव हुआ । बताया जाता है कि 2000 कावड़ियों का जत्था कछला से जल लेने के लिए जा रहा था, तभी कांवड़ियों पर मुस्लिम समुदाय के लोग शाहनूरी मस्जिद से पथराव शुरू कर दिया गया। इस पथराव में 12 से ज्यादा कांवड़िए घायल हो गए, कई पुलिसकर्मियों के भी पत्थर लगे । जांच एजेंसियों का कहना है कि शहर में बवाल कराने की थी तैयारी पहले ही कर ली गई थी ।
गनीमत रही की की गलियां संकरी थी और बीच में पुलिस फोर्स ने आकर धक्का मुक्की झेली। नहीं तो विवाद और भी बढ़ जाता। कई लोग मारे जाते। उत्तर प्रदेश में योगी का शासन है लेकिन इसके बावजूद बरेली में हिंसा का माहौल बना हुआ है। बरेली शहर में फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है लेकिन पूरे शहर भर की फोर्स को बरेली कांवड़ रुट पर तैनात कर दिया गया।यह पहला मामला नहीं है, जब कांवड़ यात्रा में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा पथराव किया गया।
पास में वनखंडी नाथ मंदिर है, तो चंद कदम की दूरी पर मस्जिद। पहले भी बरेली शहर और देहात में कई बार विवाद हुए। विवाद की शुरुआत हुआ जब रविवार की दोपहर करीब 3:20 बजे कावंडियो की 2000 संख्या थी, आगे झांकी वाली कांवड़ को ले जाया जा रहा था, पीछे डीजे था। जैसे ही बारादरी थाना क्षेत्र में जोगी नवादा मोहल्ले में कांवडियों का जत्था पहुंचा तो डीजे बज रहा था, इस दौरान शाहनूरी मस्जिद से पथराव किया गया। देखते ही देखते कांवड़ियों में भगदड़ मच गई, कावड़ लाने वाले अमित कुमार, दरबारी लाल ने बारादरी थाने में लिखित तहरीर देते हुए बताया कि पूर्व पार्षद उस्मान अली, और मस्जिद के मौलाना शाहनूरी , सलीम, छोटे शाह, राशिद, वाहिद, चांद मोहम्मद, गुड्डू, भूरा और 100 – 150 अज्ञात ने पथराव किया है।
कावड़ियों ने यह भी कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने झांकी निकालने के दौरान कांवड़ यात्रा पर पथराव किया। कांच की बोतल फेंकी, कांवड़ को खंडित कर दिया। भगवान भोलेनाथ की मूर्ति तोड़ दी गई। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने गालियां देते हुए कांवड़ खंडित की।जिसके बाद दूसरे समुदाय के लोगों ने घरों के दरवाजे बंद कर छतों से पथराव किया।
मौके पर अतिरिक्त फोर्स को बुलाया गया तब जाकर उपद्रवियों पर काबू किया गया । बाद में पुलिस अफसरों को घेरकर कांवड़ियों ने 3 घंटे तक मौके पर नारेबाजी कर हंगामा किया। उसके बाद देर शाम पीलीभीत बाईपास रोड पर पर कांवड़ियों ने जाम लगाकर कार्रवाई की मांग की। बताया जाता है इससे पहले बरेली शहर में पुलिस द्वारा डाक कांवड़ रोके पर 8 अगस्त 2016 में भी बवाल हो चुका है । बरेली का बिथरी क्षेत्र में कावड़ यात्रा निकालने को लेकर 23 अगस्त 2018 को भी विवाद हुआ।
जहां हजारों की संख्या में दो समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए। हालात बहुत ज्यादा तनावपूर्ण होते देख भारी फोर्स और पीएससी को मौके पर तैनात किया गया। एक साल पहले 30 जुलाई को बरेली में कांवड़ियों पर गंदा पानी फेंकने को लेकर बवाल हो गया था।