अर्चना कुमारी। दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने एक आदेश में तहलका डॉट कॉम के संस्थापक संपाद तरुण तेजपाल, सह संस्थापक अनिरुद्ध बहल एवं पत्रकार मैथ्यू सैमुअल पर दो करोड़ का जुर्माना लगाया है। दो करोड़ की यह राशि इन्हें एक पूर्व सैन्य अधिकारी को मुआवजे के रूप में देना है। अपनी ‘सुपारी पत्रकारिता’ से सेना व सैन्य अधिकारियों को बदनाम करने वाले इन पत्रकारों ने सन् 2001 में ‘ऑपरेशन वेस्ट एंड’ चलाया था। इसका मकसद तत्कालीन वाजपेई सरकार को बदनाम करते हुए भारतीय सेना को भ्रष्ट साबित कर कांग्रेस पार्टी को लाभ पहुंचाना था! जिससे उसके सम्मान की क्षति हुई और उनका चरित्र भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से दागदार हुआ।
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एक ईमानदार सेना अधिकारी की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचाने और चोट पहुंचाने का इससे बड़ा कोई मामला नहीं हो सकता। जिसने पक्षकारों के सभी प्रयासों के बावजूद उन्होंने रिश्वत लेने से इनकार कर दिया था।
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि य़ह साबित नहीं हो पाया कि मेजर जनरल अहलूवालिया ने धन की मांग की थी या किसी रूप में रिश्वत ली थी।फिर भी रिपोर्टों में इसको लेकर टिप्पणियां दिखाई गईं।तहलका और उसके पत्रकारों ने अहलूवालिया को बदनाम किया क्योंकि उन्होंने कभी किसी पैसे की मांग नहीं की थी।
दरअसल ऑपरेशन वेस्ट एंड के नाम से प्रसारित किए गए स्टिंग ऑपरेशन के बाद सेना ने स्टिंग में लगाए गए रक्षा सौदों में कमीशनखोरी के आरोपों की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित की। जिसने जांच के बाद पूर्व सेना अधिकारी,मेजर जनरल एमएस अहलूवालिया को बर्खास्त कर दिया गया था। उन्होंने 2002 में अदालत का रुख किया था। जिसके बाद इस तरह का फैसला आया