एएनआई को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार विस्तार से पाकिस्तान में भारतीय जवाव के सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर अपने आक्रोश से लेकर बेचैनी तक का जिक्र किया है। मोदी ने अपने साक्षात्कार में बताया है कि जब उरी में देश के जवानों के साथ पाकिस्तान सैनिकों की बर्बरता सामने आई तो वह व्यक्तिगत तौर पर काफी आक्रोशित हो गए थे। इसका जिक्र उन्होंने केरल की एक सभा में भी कर दिया था। उन्होंने बताया कि हालांकि जिस लोकतांत्रिक व्यवस्था के वे प्रतिनिधि है वहां व्यक्तिगत आक्रोश और भावनाओं का उस पर प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। लेकिन पाकिस्तान की इस बर्बरतापूर्ण करतूत के खिलाफ उनके अंदर आग जलने लगी थी। इस संदर्भ में जब वे भारतीय सैन्य अधिकारियों से बात की तो पता चला कि उनसे कहीं ज्यादा आग भारतीय जवानों के दिल में धधक रही थी। जवानों और देश की जनता के आक्रोश के देखते हुए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना के अधिकारियों को खुली सोच के साथ पूरी प्लानिंग करने का आदेश दे दिया।
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मोदी ने बताया कि प्लानिंग सामने आने के बाद उन्होंने इस सर्जिकल स्ट्राइक के लिए जो भी आवश्यकता थी उसे जुटाने का आदेश दिया। मोदी ने कहा कि सेना के जवानों को पूरा संसाधन जुटाने में थोड़ा वक्त लग गया। क्योंकि जवानों के लिए मुझे फुल सेक्योरिटी चाहिए थी। मोदी के बयान से साफ है कि पूर्व की सरकार ने सेना को कितना निहत्था बना कर रखा था। देश की सेना के पास किसी अनहोनी का जवाब देने के लिए पर्याप्त संसाधन तक उपलब्ध नहीं थे। सेना के पास सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने के लिए पूरे साजो सामान तक नहीं थे। मोदी ने सारा कुछ उपलब्ध कराया। मोदी ने बताया कि सर्जिकल स्ट्राइक को मुकम्मल तरीके से बिना अपने जवानों को कोई नुकसान हुए अंजाम देने के लिए दो बार तारीख भी बदलनी पड़ी। क्योंकि जवानों की सुरक्षा का सवाल था। जो जवान मेरे एक शब्द पर अपनी जिंदगी को दांव पर लगाने को निकलने वाले थे उसकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कैसे किया जा सकता है। इसलिए ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की गई।
जब सबकुछ तय हो गया तो मोदी ने देश की सेना को स्पष्ट आदेश दिया कि सर्जिकल स्ट्राइक सफल हो या विफल हो उसकी चिंता किए बगैर हमारे सारे जवान सूर्योदय से पहले सुरक्षित वापस लौटना चाहिए। बगैर इसका ध्यान किए कि सामने वाले का कितना नुकसान हुआ या नहीं हुआ। कहने का मतलब साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के जवानों को सुसाइडल स्ट्राइक पर नहीं भेजा था। मोदी ने कहा था कि भले ही हमाने जवानों को विफल होकर लौटना पड़े, लेकिन हम अपने जवानों को मरने नहीं देंगे। मोदी ने कहा कि उन्होंने सेना को खुली छूट देने के साथ ही खुद निर्णय लेने तक को कहा था।
सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन के दौरान मोदी खुद भी लाइव कंटैक्ट में थे। मोदी ने कहा कि सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन अचानक सुबह जवानों की ओर से जानकारी आनी बंद हो गई, करीब एक घंटे तक कोई जानकारी नहीं आई। इससे वह काफी बेचैन हो गए। सूर्योदय होने के बाद वह और भी बेचैन हो गए, क्योंकी खबरें आनी बंद हो गई थी। मोदी ने बताया कि जब तक खबर नहीं आई थी वह समय उनके लिए काफी कठिन और मुश्किल था। मोदी ने कहा ‘वहां कितना नुकसान वह हमारी प्राथमिकता नहीं थी, वह बाद की बात थी, हमारे लिए पहली प्राथमिकता अपने जवानों का सुरक्षित लौटना थी।’ एक घंटे बाद उधर से खबर आई कि जवान पूरी तरह अपने देश की सीमा में तो नहीं लौटे हैं लेकिन सेफ जोन में पहुंच गए हैं इसलिए अब आप चिंता नहीं कीजिए। लेकिन उन्होंने कहा कि आखिर जवान के देश पहुंचने तक उन्हें हर पल की जानकारी चाहिए। मोदी ने बताया कि सूर्योदय के करीब दो घंटे तक जवानों के आने की प्रक्रिया पूरी हुई।
प्वाइंट वाइज समझिए
सर्जिकल स्ट्राइक की सच्चाई
* मोदी और जवानों के आंतरिक आक्रोश का नतीजा था सर्जिकल स्ट्राइक
* पाक सेना की उरी स्ट्राइक से पूरे देश में उसके खिलाफ फैला था आक्रोश
* पीएम ने सेना के अधिकारियों को पूरी प्लानिंग करने का दिया निर्देश
* साजो-सामान से लेकर स्पेशल ट्रेनिंग की पूरी व्यवस्था कराई गई
* मोदी ने जवानों को सूर्योदय तक देश लौटने का दिया था स्पष्ट आदेश
* सफलता और विफलता की चिंता किए बगैर, लौट आने का दिया था आदेश
* मोदी ने जवानों की जिंदगी बचाने पर दिया था पूरा जोर
* जवानों का नुकसान उठाने को कतई तैयार नहीं थे प्रधानमंत्री मोदी
* इस ऑपरेशन में जवानों की विफलता का श्रेय लेने को तैयार थे मोदी
* उस दिन अंतिम दो घंटे का समय मोदी के लिए था वेचैन भरा और कठिन
* सूर्योदय के एक घंटे बाद कोई खबर नहीं मिलने पर बेचैन हो गए थे मोदी
* अंतिम जवाने के देश की सीमा में आ जाने तक हर सूचना देने को कहा था
* अंतिम जवान के आ जाने के बाद ही मोदी ने बुलाई सुरक्षा कैबिनेट की बैठक
* सफल सर्जिकल स्ट्राइक की पहली सूचना पाकिस्ता को ही दी गई थी
URL : surgical strike was result of internal resentment of Modi and the soldiers!
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