अर्चना कुमारी। दिल्ली दंगे से जुड़े पांच मामलों में आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पाषर्द ताहिर हुसैन को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया । जमानत मिलने के बावजूद ताहिर जेल से बाहर नहीं आ पाएगा, क्योंकि उसके खिलाफ 11 मामले दर्ज हैं और कई गंभीर मामलों में उन्हें जमानत नहीं मिली है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों की दलीले सुनने के बाद 20 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थकों तथा इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी, 2020 को सांप्रदायिक झड़पें हुई थी। इनमें कम से कम 53 लोग मारे गए थे और सात सौ लोग घायल हुए थे।
न्यायमूर्ति अनीस दयाल ने ताहिर हुसैन को सभी पांचों मामलों में जमानत दी है। सभी मामले फरवरी 2020 में हुई हिंसा के दौरान कथित दंगों से जुड़े हैं। ये मामले हुसैन के घर की छत से दंगाई भीड़ के पथराव करने, पेट्रोल बम फेंकने और गोलियां चलाने से दो लोगों के घायल होने और हत्या के प्रयास तथा शस्त्र अधिनियम के उल्लंघन से संबंधित भी है।
उसके खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को क्षतिग्रस्त करने का भी मामला चल रहा है। ताहिर पर कार्यकर्ता शरजील इमाम और उमर खालिद के साथ दंगों की बड़ी साजिश रचने का भी आरोप है।