अर्चना कुमारी। बिहार के मुख्यमंत्री की सिर्फ जुबान नही फिसली है। उन्होने 75% आरक्षण लागू करने का फैसला किया है। इससे आरक्षण से वंचित समाज खुद को ठगा महसूस कर रहा है। इतना ही नहीं यह सरकार महिला विरोधी है क्योंकि नीतीश कुमार उर्फ सुशासन बाबू ने विधानसभा में सेक्स एजुकेशन के नाम पर महिलाओं को अपमानित किया है।
भले ही बिहार सरकार अभी एक लाख लोगो को नौकरी देने का भी दावा किया है।लेकिन हैरत की बात है जो नौकरी में है, उन्हे सैलरी नही दी जा रही। सैलरी नही मिलने पर इसका विरोध जताने पर आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर सरकार की मंशा जाहिर कर दी है। अब बिहार सरकार की आलोचना हो रही है।
महिलाओं पर वॉटर कैनन तक का इस्तेमाल किया गया और उन्हे दौरा दौरा कर पीटा गया। इसमें कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हुईं। जिनका उपचार चल रहा है। पिछले दिनों आरजेडी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी सेविकाओं पर पुलिस ने भीषण लाठीचार्ज किया। यहां पर पुलिस ने गुरुवार को आरजेडी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी सेविकाओं को हटाने के लिए पहले वाटर कैनन तक का इस्तेमाल किया। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को खदेड़ना शुरू कर दिया।
यह सब हुआ पटना में, जहा आरजेडी के प्रदेश कार्यालय के बाहर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं ने अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन कर रही सेविकाओं-सहायिकाओं पर पुलिस को बल प्रयोग हुआ। दरअसल आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं की ओर से राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
इसी दौरान गुरुवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आरजेडी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के लिए पहुंची थी। प्रारंभ में वहां तैनात पुलिस पदाधिकारियों की ओर से प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया गया। लेकिन नोकझोंक के बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस की ओर से बल प्रयोग के बाद प्रदर्शनकारी महिलाएं इधर-उधर भागती नजर आईं।
आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं की ओर से मानदेय में बढ़ोतरी की मांग की जा रही है। प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं का कहना है कि तेजस्वी यादव की ओर से मानदेय बढ़ाने का वादा किया गया था, उन्हें अपना वादा याद दिलाने के लिए पहुंची थी। लेकिन पुलिस की ओर से महिलाओं पर बल प्रयोग कर दिया गया। पुलिस बल प्रयोग के बाद प्रदर्शनकारी ने कहा कि एक ओर तेजस्वी यादव केक काट रहे है,वहीं वे महिलाओं को पिटवा रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगों में सरकारी कर्मी का दर्जा, मानदेय की जगह वेतन, रिटायरमेंट पेंशन और ऑन-ड्यूटी काम करते हुए अगर कोई सेविका मरती है तो उसके बदले परिवार के सदस्य को नौकरी दी जाए आदि प्रमुख हैं।