अर्चना कुमारी । शाहदरा जिले के स्पेशल स्टाफ ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो राजधानी दिल्ली में चोरी और लूटपाट करके आतंक मचा रखा था। इतना ही नहीं इसका सरगना हवाई जहाज में एक राज्य से दूसरे राज्य की यात्रा कर वारदातों को अंजाम दे रहा था। पुलिस का कहना है कि गैंग सरगना बांग्लादेशी नागरिक है। जबकि पुलिस ने गैंग से जुड़े पांच लोगों को गिरफ्तार 42 वारदातों को सुलझाने का दावा किया ।

आरोपियों की पहचान गैंग सरगना बांग्लादेश निवासी शहादत खान, इसके साथी दिल्ली निवासी सुभान उर्फ सोनू, साहिन, जावेद अली और विजय उर्फ गुड्डू के रूप में हुई है। पूछताछ में पता चला है मूलरूप से बांग्लादेश का रहने वाला शहादत नई सीमापुरी में रहता है। जबकि दिल्ली और यूपी में उसके खिलाफ चोरी के कई मामले दर्ज हैं। छानबीन में पता चला है उसकी पत्नी भी बांग्लादेशी है जो घरों में काम करती है।
वहीं सुभान न्यू सीमापुरी का रहने वाला है। पहले वह एक स्कूल में चालक की नौकरी करता था, लेकिन नौकरी छुटने के बाद उसने चोरियां शुरू कर दीं। साहिन शहीद नगर, गाजियाबाद में रहता है। उसके खिलाफ भी दिल्ली यूपी में मामले दर्ज हैं। पुलिस का कहना है कि गैंग सरगना अपनी गिरफ्तारी का पता चलते ही हवाई जहाज का टिकट बुक कराया और बेंगलुरू फरार होने का प्रयास किया।
लेकिन पुलिस ने आरोपी को आईजीआई एयरपोर्ट से दबोच लिया। आरोपियों में विजय और जावेद चोरी के माल के खरीदार हैं। दरअसल इसी साल 17 नवंबर को जगतपुरी निवासी अशोक कुमार नामक शख्स ने घर में चोरी की शिकायत दी थी। उनका कहना था वारदात के समय उनका परिवार दिल्ली से बाहर गया था।
इस दौरान बदमाशों ने पांच लाख कैश और लाखों के जेवरात उड़ा लिये। इस घटना की जानकारी के बाद पुलिस ने जांच कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया । पुलिस का कहना है कि गैंग सरगना तथा गिरोह के अन्य सदस्यों के कब्जे से एक बाइक, पिस्टल, स्कूटी, 12 मोबाइल, 27 तोले सोना, डेढ़ किलो चांदी, 12 कीमती घड़ियां, चोरी करने के औजार व अन्य सामान बरामद किया है। गैंग सरगना शहादत के खिलाफ पहले से 18 मामले, साहिन के खिलाफ 24 मामले दर्ज हैं। इसी साल 30 मार्च को शहादत जेल से बाहर आया था।
उसके बाद उसने चोरी और लूटपाट की ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम दे दिया। छानबीन में पता चला है गैंग सरगना शहादत की पत्नी सलमा और साहिन की पत्नी पूर्वी दिल्ली की कोठियों व मकानों में घरेलू सहायिका का काम करती थी। इनका काम घरों में माल का पता करना होता था। पत्नी के इशारे पर पहले मकान की रैकी की जाती थी। इसके बाद देर रात को मकान पर धावा बोल दिया जाता था। ज्यादातर बंद मकानों को निशाना बनाया जाता था। लेकिन कई बार सोते हुए लोगों को बंधक बनाकर भी वारदात को अंजाम दिया जाता था।