अर्चना कुमारी। केरल के एर्नाकुलम में रविवार को सिलसिलेवार तीन बम धमाके हुए और इसमें तीन लोगों की मौत हो गई जबकि करीब साठ लोग घायल हुए। हमास के एक नेता के संबोधन के बाद यह कथित आतंकी हमला हुआ लेकिन डोमिनिक मार्टिन नाम के एक शख्स ने पुलिस के सामने सरेंडर कर इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
एनआईए समेत केरल राज्य पुलिस मामले की जांच कर रही है। दिल्ली से एनएसजी की एक स्पेशल टीम भी जांच के लिए मौके पर गई । बताया जाता है इजरायल-हमास की जंग के विरोध में हुए प्रदर्शन में शामिल होने केरल के सीएम दिल्ली आए थे उसी वक्त राज्य में धमाका हो गया।लेकिन सरेंडर करने वाले डोमिनिक मार्टिन का दावा है उसने यह विस्फोट किया था। फेसबुक पर अपनी कबूलनामा में मलयालम और हिंदी में संदेश में उसने यहोवा (यहूदी धर्म में और इब्रानी भाषा में परमेश्वर का नाम ) के गवाहों को गद्दार बताया जो बच्चों के बीच नफरत फैलाते हैं।
उसने आरोप लगाया कि यहोवा के गवाह सभी मनुष्यों के खतरे की कामना करते हैं। उसने दावा किया कि वह 16 वर्षों से विश्वासियों के साथ था और उसने उनसे सुधार करने का आग्रह किया था लेकिन उन्होंने मना कर दिया। उसने आरोप लगाया कि यहोवा लोकतंत्र और लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ हैं। यह संदेश विस्फोट के ठीक बाद पोस्ट किया गया। पुलिस ने उससे विस्तार से पूछताछ कर रही है। वहीं विस्फोटों के अपराधी द्वारा इस्तेमाल की गई संदिग्ध नीली कार की जांच में भी पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारी मिली है और पुलिस को शक है कि हमलावर इसी कार से कन्वेंशन सेंटर पहुंचा था जहां प्रार्थना सभा हुई थी।
इस बीच, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने विस्फोट पर चर्चा के लिए सोमवार को राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई । केरल के कलामासेरी कन्वेंशन सेंटर में रविवार को हुए धमाकों की जांच से पता चला है कि विस्फोट को अंजाम देने के लिए टिफिन बॉक्स में रखे गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) का इस्तेमाल किया गया था। सूत्रों ने बताया विस्फोट के समय कन्वेंशन सेंटर में लगभग दो हजार लोग थे।
विस्फोट सुबह करीब 9 बजे हुए और यहोवा के साक्षी ईसाइयों का एक समूह है, जो खुद को प्रोटेस्टेंट के रूप में नहीं मानते हैं। यहोवा साक्षी सम्मेलन एक वार्षिक बैठक है जहाँ बड़ी सभाएं होती हैं जिन्हें क्षेत्रीय सम्मेलन कहा जाता है। यह तीन दिनों तक चलता है। यह आयोजन शुक्रवार को शुरू हुआ था और रविवार को इसका समापन होना था। इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से बात की और कन्वेंशन सेंटर में बम विस्फोट के बाद राज्य की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने एनआईए और एनएसजी को भी मौके पर पहुंचकर घटना की जांच करने का निर्देश दिया।
ज्ञात हो केरल के मल्लपुरम में 27 अक्टूबर 2023 को जमात-ए-इस्लामी की यूथ विंग ‘सॉलिडेरिटी यूथ मूवमेंट’ द्वारा फिलिस्तीन के समर्थन में एक रैली निकाली गई थी। बताया जाता है, इस रैली को आतंकी संगठन हमास के नेता राशिद मशेल ने वर्चुअली संबोधित किया था। दावा किया गया है ,इस रैली में ‘बुलडोजर हिंदुत्व और यहूदियों को उखाड़ फेंको’ जैसे नारे लगाए गए थे। इस रैली के बाद रविवार को केरल में ब्लास्ट हुआ।
यहोवा विटनेस के क्षेत्रीय प्रवक्ता टीए श्रीकुमार ने बताया कि प्रार्थना के कुछ सेकेंड बाद ही विस्फोट हो गया। पहला धमाका हॉल के बीच में हुआ। इसके कुछ सेकेंड बाद हॉल के दोनों तरफ धमाका हुआ। यहोवा विटनेस ईसाई धर्म का एक पंथ है, जिसकी धार्मिक मान्यताएँ मुख्यधारा की ईसाईयत से थोड़ी अलग होती हैं। वैश्विक स्तर पर इसके कई कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किए जाते हैं। इसमें भाग लेने वाले लोगों की संख्या भी काफी होती है।
इन कार्यक्रमों में मुख्य रूप से बाइबल-आधारित बातचीत, नाटक और उनके प्रचार कार्य के वीडियो शामिल होते हैं।सूत्रों ने बताया इस घटना बाद पूरे देश में हाई अलर्ट कर दिया गया। हमास नेता के संबोधन और इस कथित विस्फोट के बीच आपसी संबंध है या नहीं है, यह बात जाँच के बाद ही सामने आ पाएगी। संबोधन करने वाला राशिद माशेल हमास के संस्थापक सदस्यों में से एक है। वह साल 2017 तक हमास पोलित ब्यूरो का चेयरमैन भी था।
इजरायल को राशिद मशेल की भी तलाश है।पुलिस का कहना है मल्लपुरम की रैली का पोस्टर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पोस्टर में हमास के आतंकी नेता खालिद मशेल की बड़ी-सी फोटो दिख रही है, जो हाथ हिलाने की मुद्रा में है। पोस्टर में 27 अक्टूबर 2023 की तारीख दी गई है। बैकग्राउंड में काले रंग के झंडे दिख रहे हैं। ज्ञात हो इससे पहले भी सॉलिडेरिटी यूथ मूवमेंट फिलिस्तीन के समर्थन में रैलियाँ निकाल चुका है।
पहले की रैलियों में उसने फिलिस्तीन के राजदूत को वर्चुअल तौर पर शामिल किया था। आतंकी संगठन हमास के किसी आतंकी नेता को भारत में हुई किसी रैली में इस तरह से पहली बार शामिल किया गया है।इससे पहले गुरुवार को केरल के ही कोझिकोड में फिलिस्तीन के समर्थन में एक रैली हुई थी।
इस रैली को कॉन्ग्रेस नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के प्रमुख सहयोगी आईयूएमएल ( ने आयोजित किया था। रैली में कॉन्ग्रेस नेता शशि थरूर भी शामिल हुए थे। केरल में बम धमाके के बाद यूपी ,दिल्ली और अन्य भारत में हाई अलर्ट घोषित किया गया। राज्यों की पुलिस को इस्राइल-फलस्तीन से जुड़े हर विरोध प्रदर्शन पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिया गया है।