अर्चना कुमारी। यूपी के कानपुर में पुलिस एक आरोपी मुजरिम को बीजेपी विधायक लिखी हुई गाड़ी में लेकर जेल पहुंची। बबाल बढ़ने पर पुलिस ने कहा- रास्ते में खराब हो गई थी हमारी गाड़ी, जिसके बाद विधायक लिखी गाड़ी से मुजरिम लाया गया। हालांकि इस घटना से तब वहां हड़कंप मच गया जब जेल के बाहर मीडियाकर्मियों को देखकर पुलिसकर्मी अचानक हड़बड़ा गए।
इसको लेकर पुलिस ने सफाई देते कहा कि उनकी गाड़ी रास्ते में खराब हो गई थी इसलिए आरोपी के रिश्तेदार की गाड़ी में ही उसे लेकर जेल पहुंच गई। बताया जाता है, बुधवार की रात 9 बजे लोगों ने देखा कि भाजपा विधायक लिखी स्कॉर्पियो गाड़ी अचानक जेल गेट तक गई और उससे मुजरिम को उतारकर पुलिस अंदर लेकर चली गई।
इस दौरान वहां मीडिया के कैमरों को देखकर पुलिसकर्मी भी हड़बड़ा गए थे। वहा पर मीडिया को देख एक व्यक्ति आरोपी का मुंह बंद करने लगा और उसको सीधे लेकर जेल के अंदर चला गया। इसके बाद पुलिस भी वहां से तुरंत निकल गई। हालांकि आरोपी के साथ आए एक युवक को मीडियाकर्मियों ने रोक कर उसका परिचय पूछा तो वो व्यक्ति गाड़ी भगाकर वहां से निकल गया।
नियम कहता है, आरोपी को जेल भेजने के लिए पुलिस को अपनी ही गाड़ी से उसे लेकर जेल पहुंचना होता है। इस मामले में चौबेपुर थाने के इंचार्ज रतन सिंह ने बताया कि राजेश तिवारी और गणेश नाम के शख्स के बीच लड़ाई हुई थी। जिसमें राजेश तिवारी को गिरफ्तार करके चौबेपुर से पनकी में एसीपी की न्यायालय में पेश किया गया था।
उसे ही विधायक गाड़ी से लाया गया,क्योंकि पुलिस की गाड़ी खराब हो गई। अदालत से आरोपी को 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया था, लेकिन हमारी गाड़ी रास्ते में खराब हो गई थी। आरोपी के पीछे-पीछे उसके भतीजे अभिषेक तिवारी भी अपनी गाड़ी लेकर गए थे। इसलिए उनकी गाड़ी का प्रयोग कर लिया गया लेकिन इस गाड़ी में विधायक कैसे लिखा था।
इस पर उन्होंने एक बचकानी सफाई दी. थाना इंचार्ज रतन सिंह ने कहा कि वो किसी विधायक जी के साथ रहता होगा। इसलिए उसने विधायक लिख लिया होगा। सनद रहे यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों आदेश दिया था कि कोई भी आदमी अपनी गाड़ी में जाति, धर्म या फर्जी ढंग से किसी प्रोटोकॉल के नाम का उपयोग नहीं करेगा और न ही ऐसा कोई स्टिकर लगाएगा।
लेकिन जिस गाड़ी से आरोपी को जेल लाया गया उस गाड़ी में सीधे-सीधे भाजपा विधायक का स्टीकर लगा हुआ था। इस मामले में जेल अधीक्षक डॉ बीपी पांडे का कहना है कि हमें इस बारे में कुछ भी पता नहीं है। हमारे यहां कोर्ट से रिमांड पर आरोपी आया था। जिसे हमने जेल में दाखिल कर लिया है। वह कैसे आया था, किसकी गाड़ी से आया था। इससे हमें कोई मतलब नहीं होता। उसे पुलिस लाई थी और साथ में कोर्ट का ऑर्डर था इसलिए आरोपी को जेल में रख लिया गया। इस बारे में लोकल विधायक की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई।