अर्चना कुमारी। गुजरात के मोरबी शहर में हुए हादसे में लगभग 140 से अधिक लोगों की मौत हो गई। जबकि यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। प्रशासन की लापरवाही को देखिए क्योंकि लगभग 100 लोगो की छमता वाले पुल पर पर 500 लोग पहुंच गए, यह समझ से परे है । करीब दो करोड़ की लागत से रिनोवेट हुआ ब्रिज मिट्टी के खिलौने की तरह अचानक भरभरा कर टूट गया ? ब्रिज ऐसा भी नहीं था कि कहीं से भी कोई आ जाये बाकयदा टिकिट था, जिसकी कीमत थी 17 रुपये ।
हैरत की बात यह है कि 17 रुपये की लालच में 100 की जगह ब्रिज पर 500 लोग जाने दिये गए , जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। लेकिन इस मौत के लिए कौन जिम्मेदार है और इसकी जिम्मेदारी लेने के लिए कोई भी तैयार नहीं है। आलम यह है कि आज मोरबी शहर में कोहराम मचा हुआ है और ना जाने और कितने लोगों की मौत की खबर सामने आएगी।
सूत्रों की माने तो मोरवी शहर में मौत ने ऐसा तांडव मचाया की चारों तरफ चीख पुकार मची हुई है। यहां पर घर घर से चीखने की आवाजें आ रही है ,ऐसी बिलखती आवाजें से किसी का भी कलेजा कांप जाए। क्योंकि एक एक घर मे पांच पांच- आठ आठ मौते हुई है और पूरा का पूरा परिवार उजड़ गया है । अभी कितने लापता है इसकी कोई औपचारिक जानकारी नहीं है ? राजनीतिक लोगों का पहुंचना मौके पर जारी है लेकिन जिस परिवार का सब कुछ लुट गया, उसकी बेबसी को देखने वाला कोई नहीं है।
जांच कमेटी गुनहगारों को सजा दिलाने की बातें कर रही है और मौत का मुआवजा बांटा जा रहा है लेकिन इस तरह के हादसों में मौत का सिलसिला कब रुक पाएगा यह कहना मुश्किल है। गौरतलब है कि गुजरात के मोरबी शहर में रविवार की शाम मच्छु नदी पर बना झूलता पुल (हैंगिंग ब्रिज) टूटने से कई लोगों की मौत हो गई। जबकि कई अभी भी लापता है और राहत दल उनकी तलाश में जुटी हुई है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह पुल करीब एक सदी पुराना था और मरम्मत के बाद हाल ही में इसे लोगों के लिए खोला गया था।
स्थानीय लोगों का कहना था , हाल ही में मरम्मत के बाद जनता के लिए चार दिन पहले ही फिर से खोले गए इस पुल पर लोगों की घटना के समय काफी भीड़ थी इस बीच रविवार को पुल शाम करीब साढ़े छह बजे अचानक टूट गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अंग्रेजों के समय के हैंगिंग ब्रिज पर उस समय कई महिलाएं और बच्चे थे, जो अचानक नीचे पानी में गिर गया और मौके पर अफरा-तफरी मच गई थी। दावा किया गया है कि कुछ लोगों को पुल पर कूदते और उसके बड़े तारों को खींचते हुए देखा गया और आशंका है कि हो सकता है कि पुल ‘लोगों की भारी भीड़’ के कारण टूट कर गिर गया ।
स्थानीय लोगों का कहना था कि दीपावली की छुट्टी और रविवार होने के कारण प्रमुख पर्यटक आकर्षण पुल पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ी हुई थी और पुल को 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर जनता के लिए फिर से खोला गया था। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि वह त्रासदी से दुखी हैं जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्घटना के संबंध में मुख्यमंत्री पटेल और अधिकारियों से बात की सनद रहे कि मोदी इस समय गुजरात में हैं और वह किसी भी समय मौके पर पहुंच सकते हैं।पीएमओ ने कहा, उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी) बचाव अभियान के लिए दलों को तत्काल तैनात करने को कहा है। इसके अलावा उन्होंने स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने और प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने को कहा है लेकिन क्या इससे मौतों का सिलसिला रुक पाएगा।