विपुल रेगे। प्रभास की ‘सालार : सीज़फायर-पार्ट वन’ बॉक्स ऑफिस का ‘डायनासोर’ सिद्ध हो रही है। इसकी कामयाबी का प्रमाण मैन स्ट्रीम मीडिया और सोशल मीडिया स्वयं दे रहे हैं। प्रभास की फिल्म और शाहरुख़ खान की फिल्म ‘डंकी’ में सहज प्रतियोगिता को उत्तर और दक्षिण की लड़ाई बना दिया गया है। ये लड़ाई कलेक्शन के आंकड़ों को लेकर शुरु हुई है। शाहरुख़ खान के समर्थकों और प्रशंसकों ने ट्वीटर पर ट्रेंड चलाया कि प्रभास की फिल्म के आंकड़े फर्जी ढंग से बढ़ा चढ़ाकर दिखाए जा रहे हैं। हालाँकि इस ट्रेंड में कोई सत्यता नहीं है।
‘सालार : सीज़फायर-पार्ट वन’ ने पांच दिन में ही लागत वसूल कर लाभ कमाने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। बॉलीवुड अपने ‘पीआर’ का इस्तेमाल तरह-तरह से करता आया है। इस बार बॉलीवुड का ‘पीआर’ प्रभास की फिल्म को डाउन करने की सुपारी ले चुका है। एक झूठा अभियान प्रभास की फिल्म के विरुद्ध चलाया जा रहा है। ये एक झूठा अभियान है, ये बात मीडिया रिपोर्ट्स से साबित हो रही है। ‘जागरण’ की फिल्म डेस्क इसे तूफानी फिल्म बता रही है। ‘हिन्दुस्तान’ बता रहा है कि पहले दिन ही सालार ने वर्ल्ड वाइड 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया। ‘आईनेक्स्ट’ बता रहा है कि रिलीज के पांचवे दिन भी फिल्म धड़ल्ले से नोट छाप रही है। ‘बिजनेस स्टैंडर्ड’ लिख रहा कि जवान, पठान और एनिमल पर सालार भारी पड़ रही है। क्या हम इन मीडिया रिपोर्ट्स को झुठला दे ?
फिल्मों के कारोबार पर विश्वसनीय रिपोर्ट देने वाली ‘sacnilk’ की वेबसाइट पर ‘सालार : सीज़फायर-पार्ट वन’ का वर्ल्ड वाइड कलेक्शन 428.9 करोड़ बता रहा है। क्या ये सब झूठ बोल रहे हैं ? हालाँकि सोशल मीडिया का उन्माद मैन स्ट्रीम मीडिया की वास्तविकता को ही मानने से इंकार करता है। ये एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए थी, लेकिन एक युद्ध बन गई। इस मामले में शाहरुख़ खान के प्रशंसकों, सोशल मीडिया के इन्फ्लुएंसर्स का बड़ा रोल है। यूट्यूब और ट्वीटर पर शोर मचा रहे इन्फ्लुएंसर्स क्या ये सहज और स्वाभाविक तथ्य नहीं जानते कि हिन्दी फिल्म अपने क्षेत्र में अधिक व्यवसाय करेगी और दूसरे भाषाई राज्यों में उसका कलेक्शन कुछ कम होगा।
इसका श्रेष्ठ उदाहरण ऐटली की फिल्म ‘जवान’ है। ‘जवान’ ने हिन्दी पट्टी में 582.31 करोड़ का कलेक्शन किया। जबकि तेलुगु में ये महज 27.86 करोड़ ही उठा पाई। तमिल पट्टी में इसे मात्र 30.08 करोड़ का कलेक्शन मिल सका। अब ‘सालार : सीज़फायर-पार्ट वन’ का कलेक्शन बारीक़ी से देखते हैं। तेलुगु संस्करण में प्रभास की फिल्म 184.94 करोड़ का कलेक्शन कर चुकी है। तमिल में इसने 14.33 करोड़ का कलेक्शन किया। हिन्दी पट्टी में आश्चर्यजनक ढंग से फिल्म बहुत अच्छा प्रदर्शन करती दिखाई दे रही है। अब तक यहाँ फिल्म ने 85.8 करोड़ का कलेक्शन कर लिया है। हिन्दी पट्टी में छठवें दिन तक फिल्म का मोमेंटम बेहतरीन बना हुआ है। छठवें दिन फिल्म ने आठ करोड़ से अधिक का कलेक्शन हिन्दी में किया है।
अब ‘जवान’ के तेलुगु और तमिल के कलेक्शन की तुलना ‘सालार : सीज़फायर-पार्ट वन’ से की जाए तो ‘जवान’ बहुत पीछे दिखाई देती है। प्रभास की फिल्म तो हिन्दी पट्टी में सौ करोड़ क्लब में शामिल होने जा रही है। इतने शानदार कलेक्शन को ‘फेक आंकड़े’ कैसे बताया जा सकता है। ओवरसीज़ से भी ये फिल्म 98 करोड़ का कलेक्शन कर चुकी है। इसमें कोई संदेह नहीं कि ‘डंकी’ एक अच्छी सफलता की ओर जा रही है और इसके कलेक्शन भी हेल्दी बने हुए हैं, लेकिन फिर भी ये प्रभास की फिल्म से पीछे दिखाई देती है।
हिन्दी पट्टी में तो वह स्वाभाविक रुप से ‘सालार’ से आगे रहेगी। यूट्यब पर मूर्खता का प्रदर्शन करते ये कथित इन्फ्लुएंसर्स किसी भी फिल्म का मिज़ाज समझकर बात नहीं करते। ‘डंकी’ एक ऑफबीट फिल्म है। इसमें एक्शन और रोमांस नहीं है। इस कारण इस फिल्म को ‘पठान’ या ‘जवान’ जैसा तूफानी स्टार्ट नहीं मिलेगा। हां ये फिल्म धीमे-धीमे कलेक्शन कर एक अच्छी स्थिति में पहुंच सकती है। सालार विरुद्ध डंकी की इस निरर्थक लड़ाई को बंद कर देना चाहिए। ‘सालार’ एक बड़ी सफलता की ओर बढ़ चुकी है। इस सप्ताहांत तक ट्रेड पंडित आराम से इसका वर्डिक्ट तय कर सकेंगे।