संजय अठया। आज भारत में शासन का ऐसा सर्कस चल रहा है कि पूरे देश में मोदी नाम के एक पहिए की गाड़ी चल रही है।क्या पक्ष क्या विपक्ष क्या विरोध क्या आलोचना किसी की मजाल जो अडानी तृप्ति करण पर बोलने का साहस करे।
दसों दिशाओं में लूट मार हत्या अपहरण बलात्कार का नंगा नाच हो रहा है। सैनिक मर रहे हैं हिन्दुओं पर पैट्रोल डाल कर जलाया जा रहा है मंदिरों और श्रद्धालुओं को घेर कर गोलियां चलाई जा रही है। लाखों महिलाएं लापता हैं निरंतर मणिपुर मेवात में दंगे हो रहे हैं।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस देश के शासक एवं लोग नियम धर्म का पालन न करते हो वहां निवास नहीं करना चाहिए।
कल तक जो मध्यमवर्ग था आज महंगाई की मार के आगे आत्मसमर्पण कर के दो किलो गेहूं और तीन किलो चावल के लिए सरकारी राशन की दुकानों पर कतार में खड़ा हैं।बीसों हजार लोग रिजर्व बैंकों में 2000₹ का नोट बदलने के लिए खड़े हैं।
अपने जीवन की रक्षा एवं उदर पूर्ति के लिए देश का बहुसंख्यक हिन्दू समाज प्रतिदिन एक नया महाभारत लड़ कर अपना निर्वाह कर रहे हैं और कुछ तो इस जीवन के महाभारत में हार भी जाते हैं।
अपनी कमाई का 80-90% धन महंगाई और कर की भैंट चढ़ाने के बाद देश के बहुसंख्यक हिन्दू समाज के पास हर दिन एक निराश जीवन होता है।
आज जब अंधेर नगरी चौपट राजा का दूसरा वर्जन अरबी नगरी जिहादी राजा हो तो क्या करना चाहिए? चिंता नहीं चिंतन करें
हर हर महादेव