अर्चना कुमारी। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ( PFI) भारत विरोधी साजिश रचने में लगातार जुटा हुआ है। उसका इरादा अयोध्या में बहुप्रतीक्षित राम मंदिर को उड़ा देने तथा कुछ नामचीन व्यक्तियों की हत्या करना था। मोतिहारी से गिरफ्तार किए गए मुख्य तौर पर तनवीर रजा उर्फ बरकती और मोहम्मद आबिद उर्फ आर्यन पीएफआई सदस्यों ने खुलासा किया है कि उनके मंसूबे बेहद खतरनाक थे और अपने आकाओं से निर्देश मिलते ही वह अपने टारगेट को पूरा कर देते।
पीएफआई द्वारा रची गई साजिश को विफल करने के लिए एनआईए की टीम ने रविवार को मोतिहारी में आठ स्थानों पर छापेमारी कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया और इससे पहले शनिवार को भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मोतिहारी के कई स्थानों पर छापेमारी की थी। बताया जाता है कि फुलवारी शरीफ मॉडल से जुड़े पीएफआई सदस्यों को टारगेट किलिंग को अंजाम देने के लिए हथियारों और गोला-बारूद का इंतजाम किया था।
बताया जाता है कि टारगेट पूरा करने के लिए रेकी पहले ही की जा चुकी थी जबकि यह हथियार और गोला-बारूद पीएफआई ट्रेनर याकूब को सौंपे गए थे, जो पीएफआई के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित कर रहा था। सूत्रों का दावा है आरोपियों को नेपाल से जब शालिग्राम शिला को अयोध्या ले जाया जा रहा था, तो राम मंदिर को उड़ाने का काम सौंपा गया था।
इसके अलावा दक्षिणपंथी नेताओं का भी हत्या करने का इनका इरादा था। इस तरह की धमकी और साजिश का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसी मामले में एनआईए ने यह कार्रवाई की है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मोतिहारी में एनआईए ने आठ जगहों पर छपेमारी की, जिसमें चकिया, मेहसी, मधुबन सहित विभिन्न जगहों पर स्थानीय पुलिस के सहयोग से कार्रवाई हुई है जबकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने कार्रवाई में तनवीर रजा और मो.आबिद को गिरफ्तार किया और पीएफआई के दोनों हार्डकोर सदस्य बहादुरपुर गांव, मेहसी के रहने वाले बताए जा रहे हैं। बताया जाता है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इससे पहले चार लोगों की गिरफ्तारी की थी और इनके कब्जे से कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए।
सूत्रों का दावा है कि प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के राज्य सचिव रेयाज मारूफ के घर चकिया के कुआवा गांव में एनआईए ने इससे पहले भी छपेमारी कर की थी, जिसमें रेयाज फरार हो गया था । उधर, मध्यप्रदेश के भोपाल में आतंकवाद विरोधी दस्ते ने साजिद उर्फ गुलाम नबी को को गिरफ्तार किया है जो मध्यप्रदेश के पीएफआई के अध्यक्ष अब्दुल करीम बेकरीवाला का खास सहयोगी रहा है।