सबसे पहला प्रश्न ये है कि मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा वेबसीरीज ए सूटेबल बॉय की निर्माता मीरा नायर पर क्या क़ानूनी कार्रवाई कर सकते हैं। इसका उत्तर न उन्हें पता है न देश के सूचना व प्रसारण मंत्रालय को। मंत्री जी जो भी कसरत कर रहे हैं, वह अंततः निष्फल सिद्ध हो जाने वाली है।
सूटेबल बॉय के आपत्तिजनक दृश्यों की चर्चा करने से पहले उस निर्णय की चर्चा होनी चाहिए, जो केंद्र सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्म को लेकर हाल ही में लिया है। नरोत्तम मिश्रा को संभवतः जानकारी नहीं है कि 10 नवंबर की रात से ही देश के राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित अधिसूचना तत्काल प्रभाव से लागू हो गई थी।
इसके बाद बुधवार की सुबह से ही सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को ये अधिकार मिल चुके थे कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध समाचार, दृश्य श्रव्य कार्यक्रमों और फिल्मों के आपत्तिजनक कंटेंट पर वे कार्रवाई कर सके। संभवतः बारह दिन बीत जाने के बाद स्वयं प्रकाश जावड़ेकर को ये ज्ञात न हो कि उनकी शक्तियां बढ़ा दी गई हैं।
महेश्वर के मंदिर में आपत्तिजनक दृश्य फिल्माने को लेकर एक युवक ने एफआईआर दर्ज करवाई है। स्थिति ये है कि थाने के अधिकारी को समीक्षा करनी पड़ रही है कि फिल्म के निर्माता-निर्देशक पर क्या क़ानूनी कार्रवाई की जा सकती है। स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश के रीवा स्थित उस थाने के पुलिस अधिकारी की शक्तियां सीमित है।
यहाँ तक कि राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की शक्तियां भी मीरा नायर जी को मध्यप्रदेश लाने पर विवश नहीं कर सकेगी। ये शक्तियां तो सूचना व प्रसारण मंत्रालय के पास है और अब तक उसने ओटीटी पर लगाम कसने के लिए कुछ भी नहीं किया है। सरकार को दोष नहीं दिया जा सकता क्योंकि महामहिम राष्ट्रपति अपने हस्ताक्षर से मंत्रालय को शक्तियां सौंप चुके हैं।
मुझे ये भी समझ नहीं आया कि मंत्री जी ने महेश्वर के प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की। महेश्वर का प्रशासन शूटिंग के लिए धार्मिक स्थलों को देने की दिलेरी के लिए प्रसिद्ध हो चुका है। महेश्वर का प्रशासन तो देखने भी नहीं जाता कि शूटिंग में क्या आपत्तिजनक घट रहा है। सलमान खान की एक फिल्म के कलाकार उस घाट पर जूते पहनकर नाचे, जहाँ सैकड़ों शिवलिंग स्थापित हैं।
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री को जो करना चाहिए था, जो उनके अधिकार क्षेत्र में था, वे कर नहीं रहे हैं। वे वह करने के प्रयास में हैं, जो उनके अधिकार क्षेत्र में आता ही नहीं है। कुल मिलाकर ये गोटी प्रकाश जावड़ेकर की ओर जा गिरी है और गिरी ही रहेगी। ऐसी गोटियों को वे नहीं उठाते हैं।
It is really a part of an organized crime against Sanathana Dharma. Any way
there are puppets of Filim Industry holding important portfolios in our ministry & at this juncture while we can raise our voice through social media platforms, the remedy to all such problems would be there very very soon. It is a matter of few more months. My Lord Ram ji is witnessing live everything & none other than Him can be a better judge. I am fully confident about what I have said above.