अर्चना कुमारी। वाराणसी-ज्ञानवापी सर्वे का आदेश देने वाले सिविल जज रवि दिवाकर को अब धमकी दी गई है। इस्लामी चरमपंथी लगातार धमकी देने का सिलसिला शुरू कर रखा है और सुरक्षा एजेंसियां उन पर नकेल कसने में अक्षम साबित हो रही है। इस बार सिविल जज रवि दिवाकर को धमकी भरी चिट्ठी उनके द्वारा सर्वे के आदेश को लेकर दिया गया ।
दावा किया गया है कि इस्लामिक अगाज मूवमेंट ने भेजी धमकी और जज रवि दिवाकर ने अपर मुख्य सचिव गृह को लिखी चिट्ठी ताकि धमकी देने वाले पर कार्रवाई हो पाए। सूत्र बताते हैं जज रवि दिवाकर को इससे पहले भी धमकी मिल चुकी है और इस बार मामले की जांच डीसीपी वरुणा जोन को सौंपी गई। पुलिस सूत्रों का कहना है सर्वे का आदेश देने वाले दीवानी जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर को मंगलवार को एक धमकी भरा पत्र मिला।
इसके बाद वाराणसी के पुलिस आयुक्त ने बताया कि जज की सुरक्षा में नौ पुलिसकर्मी लगाए गए हैं और इस मामले की जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जज रवि दिवाकर को यह पत्र ‘इस्लामिक आगाज़ मूवमेंट’ की ओर से काशिफ अहमद सिद्दीकी ने भेजा जबकि पंजीकृत डाक द्वारा उन्हें पत्र हासिल हुआ। इस बारे में वाराणसी के पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने बताया कि जज दिवाकर को रजिस्टर्ड डाक द्वारा एक पत्र मिला है, जिसमें कुछ और कागज संलग्न है, इसकी जानकारी उनकी ओर से दी गयी है।
उन्होंने कहा कि वाराणसी के पुलिस उपायुक्त वरुणा को इस मामले की जांच सौंपी गई है और जज की सुरक्षा में कुल नौ पुलिसकर्मी लगाए गए हैं और समय-समय पर उनकी सुरक्षा की समीक्षा की जा रही है। इस बीच जज को भेजा गया पत्र सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है और धमकी भरे पत्र में लिखा गया है, “अब जज भी भगवा रंग में सराबोर हो चुके हैं। वह फैसला उग्रवादी हिंदुओं और उनके तमाम संगठनों को प्रसन्न करने के लिए सुनाते हैं। इसके बाद ठीकरा विभाजित भारत के मुसलमानों पर फोड़ते हैं।
आप न्यायिक कार्य कर रहे हैं, आपको सरकारी मशीनरी का संरक्षण प्राप्त है फिर आपकी पत्नी और माता श्री को डर कैसा है…? आजकल न्यायिक अधिकारी हवा का रुख देख कर चालबाजी दिखा रहे हैं। आपने वक्तव्य दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का निरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है। आप भी तो बुतपरस्त (मूर्तिपूजक) हैं। आप मस्जिद को मंदिर घोषित कर देंगे। गौरतलब है कि जज दिवाकर की अदालत ने 26 अप्रैल को ज्ञानवापी परिसर की वीडियोग्राफी सर्वेक्षण कराने के आदेश दिए थे। इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट 19 मई को अदालत में पेश की गई थी और सर्वेक्षण के दौरान हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने में ‘शिवलिंग’ मिलने का दावा किया था, जिसे मुस्लिम पक्ष ने खारिज करते हुए कहा था कि वह ”शिवलिंग’ नहीं, बल्कि ‘फव्वारा’ है।