अर्चना कुमारी। दिल्ली और यूपी के कई इलाकों में गोवंश को इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर गोकशी करने वाले गिरोह के तीन बदमाशों को दिल्ली पुलिस ने धर दवोचा । आरोपियों की पहचान गांव ढक्का, हसनपुर, अमरोहा, यूपी निवासी वजाहत उर्फ अज्जू (32), जहाने आलम उर्फ जहाना (30) और सरगना गांव उझारी, हसनपुर, अमरोहा, यूपी निवासी साजिद उर्फ सदवा (28) के रूप में हुई है। पुलिस का दावा है इनके पास से एक होंडा सिटी व इंजेक्शन और अन्य सामान बरामद किया गया ।
पुलिस का कहना है तीनो आरोपी दिल्ली-एनसीआर में आवारा गोवंश को टारगेट कर उनको बेहोशी का इंजेक्शन लगा देते थे। बाद में गोवंश को होंडा सिटी कार में डालकर सूनसान जगह उनको काट दिया जाता था। इसके बाद इनके मांस को मीट दुकानदारों को सप्लाई कर दिया जाता था।पता चला है आरोपियों ने दिल्ली के पुराने मुस्तफाबाद एरिया में किराए का कमरा लिया हुआ था। गिरोह के खिलाफ दिल्ली के शालीमार बाग, गोकुलपुरी और यूपी के नंगली में गोकशी के 15 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।
यूपी पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गैंग सरगना साजिद उर्फ सदवा को गिरफ्तार किया था। काफी समय तक वह मुरादाबाद की जेल में भी बंद रहा। जुलाई में वह जेल से बाहर आकर दोबारा वारदातों को अंजाम देने लगा। यूपी पुलिस के डर से फिलहाल वह दिल्ली में छिपकर रह रहा था और यहीं से अपना धंधा कर रहा था।दरअसल, 24 दिसंबर को करावल नगर इलाके के जानकी पांचाल विहार इलाके में कुछ पशुओं के अवशेष मिले थे। इसके बाद लोगों में खासा रोष दिखा और हिंदुओ ने इसका विरोध किया।
बाद में पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की। करावल नगर थाना पुलिस के अलावा जांच में जिले के एएटीएस को भी शामिल किया गया। पुलिस की टीम ने सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल की। छानबीन के दौरान आरोपी होंडा सिटी कार में जाते हुए दिखे। फुटेज का पीछा करती हुई पुलिस सीमापुरी डिपो तक पहुंची। यहां तीन आरोपी कार से उतरते दिखे। छानबीन के बाद इनकी पहचान की। जांच के बाद आरोपियों को पुराने मुुस्तफाबाद इलाके से दबोच लिया गया।
इनके पास से इंजेक्शन और वारदात में इस्तेमाल कार भी बरामद हो गई।आरोपियों ने बताया कि यह लोग जाफराबाद इलाके से पशुओं को बेहोश करने वाले इंजेक्शन खरीद लेते थे। इसके बाद यह आवारा गोवंश की तलाश में निकलते थे। मौका लगते ही वह गोवंश को इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर देते थे। बाद में गोवंश को कार की पिछली सीट पर डाल दिया जाता था।
इसके बाद सूनसान जगह ले जाकर गोकशी कर ली जाती थी। बाद में मांस को मीट कारोबारियों को बेच दिया जाता था। एक गोवंश बेचने से उनको अच्छी कीमत मिल जाती थी। साजिद उर्फ सदवा पिछले कई सालों इसी तरह की गतिविधियों में लिप्त है।