अर्चना कुमारी। देश के राजधानी की कानून व्यवस्था का हाल यह है कि रोहिणी कोर्ट में जज के सामने गोली चलाई गई और एक गैंगस्टर समेत तीन लोग मारे गए। इनमें दो हमलावर भी शामिल है। लचर कानून व्यवस्था को लेकर गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को घटना को लेकर पूरी रिपोर्ट तलब की है और दिल्ली पुलिस इस घटना को लेकर चुप्पी साध रखी है।
इस घटना के बाद जज की अचानक तबीयत खराब हो गई और उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया जबकि यह कोई पहला वारदात नहीं है जब कोर्ट के भीतर इस तरह की घटनाएं हुई है । दरअसल शुक्रवार दोपहर कुख्यात बदमाश जितेंद्र उर्फ गोगी को कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था। इस पेशी के दौरान वकील की ड्रेस पहने हुए दो लोगों ने उस पर अचानक ताबड़तोड़ गोलियां चला दी।
मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने दोनों हमलावर को ढेर कर दिया और इनकी पहचान राहुल तथा मॉरिस के तौर पर की गई है यह। जबकि इस वारदात में गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ गोगी की मौके पर मौत हो चुकी थी हालांकि उसे अस्पताल में आधिकारिक तौर पर मृत घोषित किया गया। बताया जाता है कि बदमाश और पुलिस की तरफ से करीब 30 से 40 राउंड गोलियां चलाई गई, जिससे पूरा कोर्ट परिसर में भागदौड़ और अफरा-तफरी मच गई थी।
जिस गैंगस्टर की हत्या हुई है वह दिल्ली एनसीआर का मोस्ट वांटेड क्रिमिनल था । इस घटना को अंजाम देने का शक टिल्लू ताजपुरिया तथा नीरज वाली गैंग पर जताया जाता है जबकि मृतक जितेंद्र उर्फ गोगी पर आठ लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह हत्या, अपहरण, पुलिस पर हमला आदि वारदातों में शामिल रहा था। गिरफ्तारी के बाद से उसे जेल में रखा गया था।
शुक्रवार को तीसरी बटालियन की पुलिस और काउंटर इंटेलिजेंस की टीम उसे रोहिणी अदालत में पेश करने के लिए लाई थी। छानबीन में पता चला है कि जितेंद्र गोगी गैंग की सुनील उर्फ टिल्लू के बीच करीब एक दशक से गैंगवार चल रही है। इस गैंगवार में अब तक 20 से ज्यादा हत्याओं को अंजाम दिया जा चुका है।
जबकि कुछ दिन पहले ही गोगी ने सरेंडर किया था हालांकि दिल्ली पुलिस का कहना था कि उसे गिरफ्तार किया गया है। यह कोई पहली बार नहीं हुआ है। इस कोर्ट में पहले भी कई बार गोलियां चल चुकी है और बदमाशों की हत्या हो चुकी है। ऐसे में रोहिणी कोर्ट की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हुए हैं.। इस बारे में दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के मुंह सिले हुए हैं और वह कुछ भी आधिकारिक तौर पर कहने से बच रहे हैं।
ऐसा भी बताया जाता है कि इस तरह के वारदात के बाद कुछ समय के लिए कोर्ट परिसर में सुरक्षा को कड़ा किया जाता है। इसके बाद एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था लचर हो जाती है। इसका फायदा उठाकर ही बदमाश आसानी से हथियार लेकर कोर्ट रूम तक चले जाते है और वारदात को अंजाम देते है। देश की राजधानी में इस तरह की घटना सुरक्षा में बड़ी चूक है जिसमें बदमाश कोर्ट के अंदर हथियार लेकर पहुंच गए और जज के सामने उन्होंने विचाराधीन कैदी की हत्या कर दी। जांच एजेंसी को यह भी पता चला है कि गोगी की हत्या से महज आधा घंटा पहले उसके दुश्मन सुनील मान उर्फ टिल्लू को भी इसी कोर्ट में पेश किया गया था।
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