अर्चना कुमारी सरबजीत की बेटी को इंसाफ चाहिए। वो कहती है, जैसा करेंगे वैसा भरेंगे। स्वपनदीप कौर का सवाल है ,मेरे पिता की हत्या क्यों हुई।
सरबजीत सिंह बेटी की मानें तो अमीर सरफराज तांबा की हत्या के पीछे पाकिस्तान सरकार का हाथ है। सरबजीत सिंह की बेटी ने कहा कि अगर मेरे पिता की हत्या में तीन या चार लोग शामिल थे, तो यह वही पाकिस्तान सरकार है जो उस समय हुई साजिश को छुपाने के लिए तांबा की हत्या कर इसे कवर कर रही है। लेकिन पिता के हत्यारा मारा है तो खुशी जरूर मिली।
ज्ञात हो पाकिस्तान की जेल में भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की हत्या के आरोपी एवं आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के करीबी सहयोगी आमिर सरफराज ताम्बा की रविवार को लाहौर में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
ताम्बा पर मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने पाकिस्तान में लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में हमला किया और उसे नाजुक हालत में एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। कड़ी सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल के अंदर, ताम्बा सहित अन्य कैदियों द्वारा किए गए बर्बर हमले के कुछ दिनों बादं सरबजीत सिंह (49) की दो मई 2013 की सुबह लाहौर के जिन्ना अस्पताल में मृत्यु हो गई थी।
आईएसआई के इशारे पर पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत की हत्या की गई थी। पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में अमीर सरफराज ने सरबजीत की पॉलीथिन से गला घोंटकर और पीट- पीट कर हत्या कर दी थी।
हमले के बाद, करीब एक हफ्ते तकं वो अचेत रहे थे। ताम्बा का जन्म 1979 में लाहौर में हुआ था और वह लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक का करीबी सहयोगी है। पाकिस्तानी कैदियों के एक समूह नें सरबजीत सिंह पर ईंट और लोहे की छड़ों से हमला किया था।
सरबजीत सिंह को 1990 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कई बम विस्फोटों में संलिप्त रहने का कथित तौर पर दोषी पाया गया था और उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी। उन पर फर्जी मुकदमा बनाया गया।