Archana Kumari. एक बार फिर दिल्ली पुलिस ने लाल किला हिंसा मामले में दो लोगों को घर दबोचा । इनमें एक आरोपी यूनाइटेड किंगडम में रहता है, जिसे आईजीआई एयरपोर्ट से उस वक्त पकड़ा गया जब वह फर्जी दस्तावेजों की मदद से भारत छोड़ने की कोशिश में था।
इस आरोपी का नाम मनिंदरजीत सिंह है, जबकि दूसरे की पहचान खेमप्रीत सिंह के तौर पर हुई। पुलिस का कहना है कि मनिंदरजीत सिंह ने नीदरलैंड की नागरिकता ले रखी है। लेकिन वह परिवार के साथ यूनाइटेड किंगडम में रहता था ।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि लाल हिंसा में शामिल अरोपियों की धरपकड़ के लिए लगातार दिल्ली और पंजाब में छापेमारी डाली जा रही थी। इस बीच नौ मार्च को एक सूचना पर इन दोनों आरोपियों को पकड़ा गया।
जांच में पता चला है कि मनिंदरजीत सिंह जिला गुरदासपुर पंजाब और खेमप्रीत सिंह दिल्ली के स्वरुप नगर का रहने वाला है। आरोपी मनिंदरजीत सिंह लाल किला हिंसा में शामिल था।
वीडियाे फुटेज में वह भीड़ के साथ भाला लिए नजर आया था। जबकि यह भी पता चला है कि वह किसानों के तथाकथित आंदोलन में शामिल होने के लिए सिंघू बार्डर पर भी जाता था।
टैक्नीकल सर्विलांस से पता चला यह हिंसा वाले दिन सिंघू बार्डर से बुराड़ी, मजनूं का टीला होते हुए लाल किले तक पहुंचा था। जब उसके खिलाफ मामला दर्ज हुआ तब आरोपी दिल्ली से नेपाल होते हुए यूनाइटेड किंगडम भागने की फिराक में था।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि आरोपी गुरदासपुर में एक दंगे में शामिल रहा है, वहीं दिल्ली एयरपोर्ट पर भी इसके खिलाफ धोखाधडी का मामला मिला है। आरोपी साल 2019 में भारत आया था, जो पिछले साल लॉकडाउन और कोरोना की वजह से वापस नहीं लौट सका था।
इसे पुलिस ने कोर्ट में पेश कर चार दिन के रिमांड पर लिया है। दूसरा आरोपी खेमप्रीत सिंह हिंसा वाले दिन लाल किले पर फर्सा के साथ नजर आया था। इसे इलैक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से ख्याला इलाके में दबिश डालकर दबोचा गया।
जांच में पता चला है कि यह आरोपी26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली में शामिल होकर संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर से लालकिले तक पहुंचा था। इनकी गिरफ्तारी के साथ अब तक कुल 14 आरोपी लाल किला हिंसा के मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
डीसीपी मोनिका भारद्वाज का कहना है लाल किला हिंसा मामले में शामिल आरोपितों की तलाश के लिए उनकी टीम लगातार दबिश दे रही है और एसीपी राजेश कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर पंकज अरोड़ा की टीम ने दोनों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान मनिंदरजीत सिंह और खेमप्रीत सिंह के रूप में हुई है।
मनिंदरजीत सिंह के पिता नीदरलैंड निवासी हैं । उसके खिलाफ दिल्ली पुलिस की तरफ से पहले ही लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था। वह पहले भी दो आपराधिक वारदातों में शामिल रहा है।
यह कितना शातिर है कि भारत से बाहर भागने के लिए उसने जरमंजीत सिंह नाम से अपने फर्जी दस्तावेज तैयार किये थे। दिल्ली पुलिस की जांच में यह पता चला है कि गणतंत्र दिवस पर लालकिले पर लगाने के लिए धार्मिक झंडे लुधियाना से खरीदे गए थे।
इसके लिए लुधियाना से भारी संख्या में धार्मिक झंडे खरीदकर दिल्ली लाए गए थे। 26 जनवरी से पहले ही इन्हें लाकर नई दिल्ली में एक जगह पर रखा गया था। यह बात दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की जांच में सामने आई है और लाल किला हिंसा में गिरफ्तार आरोपियों में कुछ खालिस्तान समर्थक या फिर ग्राउंड लेवल वर्कर हैं।
यह भी पुष्टि की जा चुकी है कि साजिश के तहत लालकिले पर झंडा लगाने वाला ग्रुप ही इन्हें पंजाब के लुधियाना से भारी संख्या में खरीदकर लाया था। झंडे तैयार करने के लिए काफी पहले ऑर्डर दे दिया गया था।
दिल्ली पुलिस की एक टीम ने लुधियाना जाकर दुकानदार से पूछताछ की है। दिल्ली पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि पूर्व में गिरफ्तार इकबाल सिंह ज्यादातर शीशगंज गुरुद्वारे में रुका था।
वह 25 फरवरी के अलावा 22 व 23 फरवरी को भी शीशगंज गुरुद्वारे में गया था। उसने धार्मिक पोस्टर छपवाए थे। इन पोस्टरों पर धार्मिक नेताओं के फोटो व स्लोगन लिखे हुए थे। ये पोस्टर उसने सिंघु बॉर्डर पर लगाए थे। इस बात की पुष्टि इकबाल सिंह ने पूछताछ में पुलिस से की है।