अर्चना कुमारी। केंद्र के अधीन दिल्ली की कानून व्यवस्था है और राजधानी दिल्ली के नांगलोई इलाके में ताजिया जुलूस के अवसर पर जमकर हंगामा और पथराव किया गया। अचानक हुई पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मियों तथा आम जनों के सिर फूट गए और उन्हें चोट आई। मौके पर काफी देर तक भगदड़ मची रही और हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
दरअसल, मुस्लिम देश में दबाव की राजनीति करना चाहते हैं और उसी के तहत उनके लिए कानून व्यवस्था का पालन करना कोई जरूरत नहीं। बताया जाता है कि नागलोई में जुलूस के दौरान निर्धारित रूट पर प्रदर्शनकारियों को जाने के लिए कहा गया लेकिन मौके पर मौजूद मुस्लिम अचानक रूट बदलकर दूसरी तरफ जाने लगे और पुलिसकर्मियों ने जब उन्हें रोका तब मोहर्रम में शामिल लोगों ने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए । लोगों ने बसों पर पथराव करना शुरू कर दिया।
स्थिति यह हो गई कि बस में सवार यात्री जिसमें महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग जो सवार थे ,सब नीचे सीट के छुप गए। इस दौरान कई वाहनो को क्षतिग्रस्त किया गया और देखते देखते पूरे इलाके में तनाव का माहौल हो गया। उपद्रवियों ने पुलिस के अलावा उनके वाहनों पर भी जमकर पथराव किया ।
पथराव के कुछ ही मिनटो के भीतर स्थिति तनाव मे बदल गई कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मजबूरन पुलिस को लाठी चार्ज करना पडा पर उपद्रवियों ने स्थानीय एसएचओ की गाडी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया और उपद्रवियों द्वारा किये गए पथराव में कुछ पुलिस कर्मियो को भी चोटे आई है। मामले की सूचना मिलते ही मौके पर जिले के दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अलावा जिले के डीसीपी भारी संख्या में पुलिस बल के साथ वहां पर पहुंचे ।
बताया जा रहा है कि जुलूस में शामिल लोग ताजिया को लेकर सूरजमल स्टेडियम के अंदर भी जाना चाहते थे लेकिन स्टेडियम का गेट बंद था। पुलिस जुलूस में शामिल लोगों को अंदर जाने से मना कर रही थी। इसी बात को लेकर बहस शुरू हुई और उसके बाद जुलूस में शामिल उपद्रवियों ने पथराव करना शुरू कर दिया।कुछ ही देर में ऐसी हो गई जैसे चारों तरफ भगदड़ की स्थिति हो गई थी। लेकिन जैसे ही पुलिस को भनक लगी तुरंत मौके पर अलग-अलग थानों से पुलिस की टीम पहुंची और हंगामा कर रहे लोगों को खदेड़ना शुरू किया।मामले को शांत करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करनी पड़ी।