विपुल रेगे। अरबों का साम्राज्य संभालने वाले मुकेश अंबानी के साथ उनकी पत्नी नीता अंबानी का शुष्क व्यवहार देश की चर्चित ख़बरों में से एक खबर बन गई है। एक सार्वजनिक कार्यक्रम में नीता अंबानी ने जो कुछ किया, वह अभद्रता की श्रेणी में आता है। भारत देश, जहाँ नारी स्वतंत्रता आंदोलन ने सफलतापूर्वक पैंतालीस वर्ष पूरे कर लिए, उस देश में पुरुष प्रताड़ना को लेकर कुछ नहीं होता। प्रताड़नाएं विभिन्न ढंग की होती है। कुछ प्रताड़नाएं मानसिक पीड़ा दे जाती है।
ट्वीटर और फेसबुक पर एक बड़े घर की कहानी बाहर आ गई है। ये कहानी मुकेश अंबानी की है। वही मुकेश अंबानी, जिनकी नेट वर्थ दो लाख करोड़ से अधिक की है। देश का आम आदमी ‘एंटीलिया’ को बड़ी हसरत से देखता है। वह कल्पना करता है कि एंटीलिया के ऐश्वर्यशाली कमरों में देश के नामचीन बिजनेसमैन की ज़िंदगी कैसी होती होगी। हालाँकि सच बड़ी बुरी शक्ल के होते हैं। आज सुबह से सोशल मीडिया के ‘ट्रेंडिंग तारों’ पर एक वीडियो तेज़ी से वायरल हुआ। इस वीडियो के ‘डीप फेक’ होने की संभावना बहुत कम है।
ये ‘जियो’ के ही एक कार्यक्रम का वीडियो है। वीडियो में दिखाया गया है कि फोटो शूट के लिए बने स्टेज पर मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी का आगमन होता है। स्टेज पर मुकेश आत्मीयता दिखाते हुए पत्नी को पास लाने के लिए उनके कंधे पर हाथ रखते हैं। मुकेश पत्नी का हाथ थामने की कोशिश कर माहौल सामान्य बनाने की कोशिश करते हैं, जो कुछ क्षण पहले बिगड़ चुका है। लेकिन मुकेश का दूसरा प्रयास भी नाकाम हो जाता है। नीता उनकी हथेली को थामने से मौन असहमति दिखाती हैं। उनकी ये कोशिशें कैमरे से नहीं छुपती। इसके बाद नीता अपनी बेटी को बुलाती हैं। वे बेटी को अपने और मुकेश के बीच खड़ा करती है।
और इस तरह से देश के अमीर घराने का ये ‘अनचाहा फोटो शूट’ संपन्न होता है। घर की दरारें अक्सर बाहर झलक जाती है। ये कोई नई बात नहीं है। गरीब हो, मध्यमवर्गीय हो या एंटीलिया में रहने वाला रईस घराना हो, घर की दरारों से सभी परेशान होते हैं। भारतीय परिवारों की महिलाएँ पुरुषों के लिए ‘शक्ति पुंज’ होती हैं। भारतीय पुरुषों, विशेष रुप से सनातनी परिवारों में पुरुषों में ये भाव देखा जाता है। ‘सेहरा से उठाकर लाएंगे, झंकार तेरी पायल के लिए’ वाला भाव उनके मन में होता है। वे अपनी स्त्री की मुस्कान देखने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं। ज़ाहिर है मुकेश अंबानी ऐसे ही पुरुषों में से हैं।
उन्होंने न केवल अपने पिता का व्यवसाय आगे बढ़ाया, बल्कि परिवार को भी बांधे रखा है। इस काम में निश्चय ही उनकी पत्नी का भी योगदान होगा। पत्नी का प्रेमिल साथ न हो तो, पति असीम ऊंचाइयां प्राप्त नहीं कर सकता। हालाँकि उस वीडियो को देखते हुए लगता है कि मुकेश सार्वजनिक रुप से प्रताड़ित हुए हैं। भारत में पुरुष प्रताड़ना के मामले बढ़ते जा रहे हैं लेकिन इसे लेकर पुरुषों के पास घरेलु हिंसा अधिनियम जैसा कोई कानून नहीं है। हालाँकि सब पुरुष हिंसा से पीड़ित नहीं होते। बहुत से पुरुष मानसिक प्रताड़ना के शिकार हैं। भारत में कुछ संस्थाएं पुरुषों के लिए काम कर रही हैं लेकिन उनकी संख्या अभी कम है और उन्हें कानून का साथ भी नहीं मिल पाता।
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो 2015 के आंकड़ों के अनुसार उस साल करीब 65,000 विवाहित पुरुषों ने आत्महत्या की। पुरुषों द्वारा की गई कुल आत्महत्याओं में से करीब एक तिहाई की वजह घरेलू कलह और वैवाहिक विवाद है। आज सोशल मीडिया पर मुकेश अंबानी को सहानुभूति मिल रही है तो उसका कारण वीडियो में स्पष्ट दिखाई देता है। एक सार्वजनिक स्थान पर पति का हाथ झटकना और वह भी ऐसे व्यक्ति का, जो देश के चंद खरबपतियों में शुमार होता हो, अच्छा व्यवहार नहीं माना जाएगा।
यदि नीता मुकेश के जीवन की आधार स्तंभ हैं, तो मुकेश के विराट हाथ ने भी संपूर्ण एम्पायर, परिवार और अपने साम्राज्य में काम करने वाले हज़ारों कर्मचारियों को आधार दे रखा है। जब दोनों की अहमियत समान है, तो दोनों को ही एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए, जो एक ही तरफ से होता दिखा।