अर्चना कुमारी। ‘सुल्ली डील्स’ नामक एप पर मुस्लिम महिलाओं की बोली लगाई गई। आरोप है कि ऐप में कई मुस्लिम लड़कियों की तस्वीरें इस्तेमाल करते हुए इंटरनेट पर अपलोड की गई । मुस्लिम लड़कियों की तस्वीरें एक अज्ञात समूह द्वारा ‘सुली डील्स’ के नाम से गिटहब का उपयोग करके अपलोड की गई । एप यह कहते हुए नोटिफिकेशन भेजता था, फाइंड योर सुल्ली डील ऑफ द डे।
महिला आयोग ने ‘सुल्ली डील्स’ एप मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि यह एक साइबर क्राइम है, जिस को गंभीरता से लेते हुए कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। पुलिस का कहना है कि सुल्ली डील्स मोबाइल एप्लिकेशन के संबंध में राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर प्राप्त एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, साइबर क्राइम यूनिट द्वारा आईपीसी की धारा 354-ए के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच शुरू की गई है।
संबंधित विवरण साझा करने के लिए गिटहब को नोटिस भेजे गए हैं। दरअसल सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर ‘सुल्ली डील्स’ के नाम से एक ऐप के जरिए वायरल और नीलाम की जा रही थी। यह मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें बिना उनकी इजाजत के अपलोड की गई । दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है।
‘सुल्ली डील’ के ज़रिए मुसलमान महिला पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, कलाकारों और शोधार्थियों को निशाना बनाया गया। हालांकि इसे गिटहब ने हटा दिया । गिटहब की सीओओ एरिका ब्रेसिया ने ट्वीट कर कहा है कि इस अकाउंट को सस्पेंड किया जा चुका है, हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि आखिर ये ऐप किसने बनाया था। बताया जाता है कि 14 जून को इस ऐप को शुरू किया गया। सबसे ज़्यादा गतिविधि 4-5 जुलाई के बीच हुई। ये एक ओपन सोर्स कम्युनिटी ऐप था, जिसे सॉफ्टवेयर कोडिंग प्रोवइडर प्लेटफॉर्म गिटहब पर बनाया गया था।