हाथरस कांड पर भड़काऊ और हिंसक बयान देकर स्टिंग में फंसे कांग्रेस नेता श्योराज जीवन बाल्मीकि को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। उनसे कांग्रेस की दंगा रणनीति को लेकर पूछताछ कर रही है। उधर, आरोपी संदीप ने हाथरस कांड को ऑनर किलिंग बताकर पीड़ित परिवार पर ही सवालिया निशान लगा दिया है। उसने पुलिस प्रशासन को पत्र लिखकर खुद को बेकसूर बताया है।
हाथरस कांड को लेकर सच्चाई क्या है यह राज जानने के लिए पूरा देश बेचैन है। इस मामले से जुड़े अपराधी कोई भी हो, उसे कठोर से कठोर सजा होनी ही चाहिए। लेकिन केवल मोदी और योगी विरोध और विरोध के नाम पर हिंसक विद्रोह की साजिश करना कहीं से उचित ठहराया नहीं जा सकता।
एक तरफ कांग्रेस जहां हाथरस को लेकर दंगा रणनीति अख्तियार कर चुकी है वही बलरामपुर को लेकर वह कुछ भी बोलने से परहेज कर रही है । जिस तरह हाथरस में एक बेटी के साथ घृणित वारदात हुई, उसी तरह बलरामपुर में भी एक अबला के इज्जत से खिलवाड़ किया गया। कांग्रेसी क्या मोदी विरोध में अन्य पार्टियां हाथरस को जहां जातीय युद्ध का मैदान बना दिया वही बलरामपुर के लिए मौन रहकर इन लोगों ने जता दिया है कि उनका एजेंडा क्या है।
देश के लाखों लोग राहुल, प्रियंका,आम आदमी पार्टी समाजवादी पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी, भीम आर्मी चंद्रशेखर, मायावती सहित पूरे विपक्ष से एक सवाल पूछ रहा है कि हाथरस और बलरामपुर दोनों उत्तर प्रदेश में है जहां दो अलग-अलग मामलों में दो बेटियां शिकार हुई।
इनमें हाथरस में पीड़िता दलित थी तो बलरामपुर में भी दलित लड़की से बलात्कार हुआ और उसकी आरोपियों द्वारा जघन्य हत्या हुई, लेकिन राहुल प्रियंका, कांग्रेस पोषित मीडिया और पूरा विपक्ष बलरामपुर नहीं गया। क्योंकि हाथरस में आरोप सवर्ण हिन्दू परिवार पर है जबकि बलरामपुर में आरोप शाहिद , साहिल और रफीक जैसे मुस्लिम समुदाय से आने वालों पर है। विपक्षी दलों की यही धर्मनिरपेक्षता है कि हिंदुओ को आपस मे लड़ाओ और आरोपी यदि मुस्लिम समुदाय से है तो चुप हो जाओ। इससे साफ पता चलता है कि कि किस तरह कांग्रेस पार्टी ने हाथरस कांड को लेकर दोगला रवैया अपनाया।
यही वजह है कि इसके नेता श्योराज जीवन के भड़काऊ बयान का वीडियो वायरल होने के बाद बुधवार को पुलिस ने उनके खिलाफ संगीन धाराओं में केस दर्ज किया था। वीडियो को लेकर श्योराज का कहना है कि मीडिया ने उन्हें सबसे बड़ा देशद्रोही बना दिया है। वह संविधान का पालन करते हैं इसलिए समन मिलने पर थाने में अपना बयान दर्ज कराने आए हैं। थाने में आरोपों को लेकर पुलिस ने उनसे शुरुआती पूछताछ की। इसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया।
सनद रहे कि हाथरस के कथित सामूहिक दुष्कर्म की आड़ में दंगा फैलाने की साजिश को लेकर आरोप-प्रत्यारोपों के बीच कांग्रेस नेता श्योराज जीवन का एक भड़काऊ वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो में श्योराज आरोपियों के हाथ काटने, आंख निकालने की धमकी देते नजर आ रहे हैं। रिपब्लिक भारत के स्टिंग ऑपरेशन में श्योराज जीवन हाथरस कांड को लेकर जातीय दंगा भड़काने वाली बातें कहते दिखाई दे रहे हैं। स्टिंग के दौरान वे यहां तक कह गए कि कोई 5-6 लाख रुपये दे तो वे दंगे की पूरी योजना तैयार कर लेंगे।
इस बीच हाथरस कांड के आरोपियों ने जेल से पुलिस अधीक्षक को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में चारों आरोपियों ने कहा कि वह निर्दोष हैं। घटना के मुख्य आरोपी संदीप ने दावा किया है कि पीड़िता के साथ उसकी दोस्ती थी, जिससे उसका परिवार नाराज था। संदीप के मुताबिक, यह पूरा मामला ऑनर किलिंग का है। एसपी को भेजे गए चिट्ठी में संदीप ने कहा कि पीड़िता के साथ मेरी दोस्ती थी जबकि मुलाकात के साथ मेरी कभी-कभी उससे फोन पर बात हो जाती थी। आरोपी के परिवार ने कहा है कि पीड़िता अपने पहले बयान में एक ही नाम ले रही थी। उन्होंने दावा किया कि पीड़िता का भाई और आरोपी हमनाम के हैं।
पहले कॉल डीटेल, फिर आरोपियों की चिट्ठी और अब इस नए दावे से हाथरस कांड की गुत्थी और उलझती जा रही है। हाथरस कांड के एक आरोपी के चाचा ने बातचीत में कहा, घटना के बाद लड़की ने शुरुआत में एक ही नाम लिया था और उसके भाई का भी वही नाम है। बाद में लड़की की मां ने कह दिया कि ठाकुर के लड़के ने गला दबा दिया। उधर ,इस पूरे मामले को लेकर सीबीआई जांच की मांग एक बार फिर से जोर पकड़ने लगी है क्योंकि सीबीआइ को जांच सौंपने की मांग को लेकर एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) शीर्ष कोर्ट पहुंच गया।
उसने कोर्ट से हाथरस में दलित लड़की के साथ कथित ज्यादती के मामले की जांच सीबीआइ को स्थानांतरित करने का निर्देश देने की अपील की। बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इस हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल कर मामले की जांच सीबीआइ से कराने का आदेश देने का अनुरोध किया है।